धर्म

छोटी, बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को एक साथ, गोवर्धन पूजा और भाई दूज 26 को

द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार धनतेरस 22 अक्टूबर को है जबकि छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन 24 अक्टूबर को है वहीं गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं एक दिन बात 26 अक्टूबर को है.

साथ ही इसी दिन भाई दूज भी है. बता दें कि इस बार दिवाली के दिन सूर्य ग्रहण का भी साया पड़ रहा है. जिसका सूतक काल दिवाली की ही रात से शुरू हो जा रहा है. साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है. हालांकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में कहीं-कहीं सीमित समय के लिए नजर आयेगा. द्रिक पंचांग के अनुसार जानें धनतेरस (dhanteras 2022), छोटी दिवाली (choti diwali 2022 date), बड़ी दिवाली (badi diwali 2022) और गोवर्धन पूजा (govardhan puja 2022), भाई दूज (bhai dooj date) की तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.

कब है धनतेरस?

धनतेरस, शनिवार, 22 अक्टूबर,

धनतेरस पूजा मुहूर्त – 07:01 शाम से 08:17 शाम तक

कुल अवधि – 01 घंटे 16 मिनट

यम दीप दान, शनिवार, 22 अक्टूबर, 2022

धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मीऔर कुबेर की पूजा

धनत्रयोदशी जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली उत्सव का पहला दिन है. धनत्रयोदशी के दिन दूधिया सागर के मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से निकली थीं. इसलिए, त्रयोदशी के शुभ दिन, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. हालांकि, धनत्रयोदशी के दो दिनों के बाद अमावस्या को लक्ष्मी पूजा अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. धनतेरस या धनत्रयोदशी पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलती है.

कब है छोटी दिवाली, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा, सोमवार, 24 अक्टूबर, 2022

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06:53 शाम से 08:16 रात तक

कुल अवधि- 01 घंटे 23 मिनट

कब है गोवर्धन पूजा?

गोवर्धन पूजा, बुधवार, 26 अक्टूबर, 2022

गोवर्धन पूजा प्रात:काल मुहूर्त – 06:29 सुबह से 08:43 सुबह तक

कुल अवधि – 02 घंटे 14 मिनट

इस दिन है गोवर्धन पूजा

इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को है. अधिकांश समय गोवर्धन पूजा का दिन दिवाली पूजा के अगले दिन पड़ता है और इसे उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र को हराया था. कभी-कभी दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का अंतर हो सकता है. धार्मिक ग्रंथों में कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि के दौरान गोवर्धन पूजा मनाने का सुझाव दिया गया है. प्रतिपदा के शुरुआती समय के आधार पर, गोवर्धन पूजा का दिन हिंदू कैलेंडर पर अमावस्या के दिन एक दिन पहले पड़ सकता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. महाराष्ट्र में इस दिन को बाली प्रतिपदा या बाली पड़वा के रूप में मनाया जाता है. वहीं ज्यादातर समय गोवर्धन पूजा का दिन गुजराती नव वर्ष के दिन होता है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है.

साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को, सूतक का सूय

आंशिक सूर्य ग्रहण ग्रहण प्रारंभ समय – 04:28 अपराह्न

अधिकतम ग्रहण समय – 05:30 अपराह्न

सूर्यास्त के साथ ग्रहण समाप्त होगा – 05:42 शाम

आंशिक ग्रहण की अवधि – 01 घंटा 13 मिनट 30 सेकंड

सूतक प्रारंभ – 03:17 सुबह, सूतक समाप्त – 05:42 अपराह्न

धनतेरस पूजा, शनिवार, 22 अक्टूबर, 2022

काली चौदस, रविवार, 23 अक्टूबर, 2022

लक्ष्मी पूजा, सोमवार, 24 अक्टूबर, 2022

नरक चतुर्दशी, सोमवार, 24 अक्टूबर, 2022

आंशिक सूर्य ग्रहण, 25 अक्टूबर, 2022

गोवर्धन पूजा, बुधवार, 26 अक्टूबर, 2022

भाई दुज, बुधवार, 26 अक्टूबर, 2022
 

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