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Sehore news : जीवन में रंगत, संगत और मेहनत का असर पड़ता है : 108 श्री उद्धव दास महाराज

श्रीराम कथा में राम वनवास प्रसंग सुन भावुक हुए श्रद्धालु

सीहोर। मनुष्य पर संगत का असर पड़ता है। कैकेयी अपने बेटे भरत से ज्यादा अपने सौतेले बेटे राम को प्यार करती थीं, लेकिन अपने मायके से आई दासी मंथरा के कान भरने की वजह से उन्होंने राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांग लिया। पहले वे ऐसी नहीं थीं। इसे संगत का असर ही कहेंगे, जिसने कैकयी के अंदर नकारात्मकता को हावी कर दिया। इसलिए कहा गया है कि जीवन में रंगत, संगत और मेहनत का असर पड़ता है। उक्त विचार शहर के चाणक्यपुरी स्थित विश्वनाथपुरी में श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर के तत्वाधान में जारी नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा में 108 श्री उद्धव दास महाराज ने कहे।
108 श्री उद्धवदास महाराज द्वारा राम वनगमन, दशरथ मरण और भरत मिलाप प्रसंग का वर्णन किया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के वन जाने का प्रसंग सुनकर सभी श्रोता भावुक हो गए। भगवान राम के जयकारों से पूरा प्रांगण गूंज उठा। रामकथा सुनने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ ने बड़े पुत्र श्रीराम का राज तिलक करने का विचार बनाया। जब यह बात पता चली तो सभी खुश हो गए। लेकिन देवताओं के अनुरोध पर मां सरस्वती ने कैकई की दासी मंथरा की जिहवा पर बैठकर उसकी बुद्धि को भ्रमित कर दिया। तब मंथरा ने अपने कपटपूर्ण बातों से कैकई को भ्रमित कर दिया। इसके बाद राम को 14 वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा। महाराज दशरथ कोप भवन में पहुंचे और उन्होंने कैकई को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कैकेई अपने जिद पर अडिग रहीं और अपने दोनों वरदानों की मांग रखी। पहले वरदान में भगवान श्रीराम की जगह भरत का राजतिलक और दूसरे वरदान में राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा। कैकई ने सुमंत से राम को बुलवाया और राम को वनगमन का हुकुम सुना दिया। माता-पिता की आज्ञा मानकर राम वनवास के लिए तैयार हो गए। अयोध्या में श्रीराम के वनवास जाते ही राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए। भ्राता भरत अयोध्या लौट चुके हैं। अयोध्या लौटकर भरत द्वारा कैकई को धिक्कारा। यह कथा सुनकर श्रोता भावुक हो उठे। रात्रि में आयोजित श्रीराम कथा के दौरान हंसदास मठ के महंत श्री हरिदास महाराज भी कथा स्थल पर उपस्थित हुए तथा उनके द्वारा भी भगवान श्रीराम के चरित्र का बहुत मार्मिक एवं भावपूर्ण वर्णन किया। दोनों संतों ने पूर्ण श्रद्धा भाव से एक दूसरे को प्रणाम किया। कथा में वरिष्ठ समाज सेवक अखिलेश राय एवं युवा भाजपा नेता प्रिंस राठौर उपस्थित हुए। इस अवसर पर श्री राय ने इस सुंदर आयोजन के लिए समिति को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया तथा आशा की कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे। वहीं राजपूत समाज महिला मंडल द्वारा भी महाराज श्री का सम्मान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इस संबंध में समिति के अध्यक्ष अनार सिंह चौहान, कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष अमित नीखरा, समिति के मीडिया प्रभारी आनंद अग्रवाल ने यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि रात्रि आठ बजे से नौ दिवसीय कथा का शुभारंभ किया जा रहा है। आगामी 15 अपै्रल का महा आरती का आयोजन किया जाएगा और 16 अपै्रल को महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।

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