
सीहोर। शहर के बड़ा बाजार स्थित शिव मंदिर समिति के तत्वाधान में भव्य नवनिर्मित श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर में पांच दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा एवं यज्ञ महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने आस्था और उत्साह के साथ कलश यात्रा निकाली। इस मौके पर कलश यात्रा में भगवान शिव परिवार के अलावा सत्यनारायण मंदिर में स्थापित होने वाली माता लक्ष्मी की मूर्ति भी साथ में निकाली गई। शाम को यज्ञ शाला में दिव्य अनुष्ठान का आयोजन भी किया गया।
शनिवार को शहर के बड़ा बाजार से सुबह दस बजे चल समारोह में शहर के सभी कथा वाचक के युवाओं और महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। एक ओर जहां जगह जगह शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की गई वहीं दूसरी ओर कई स्थानों पर स्वागत भी किया गया। कलश यात्रा शहर के बड़ा बाजार से नमक चौराहा, गांधी रोड, चरखा लाइन और खजांची लाइन आदि स्थानों से होकर मंदिर पर पहुंची जहां पर श्रद्धालुओं ने यात्रा में शामिल कथा वाचकों का सम्मान किया। कलश यात्रा अध्यक्ष ब्रजमोहन सोनी, मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज जैन आदि ने कथा में शामिल कथा वाचकों का सम्मान किया।
शनिवार को सुबह कलश यात्रा निकाली गई थी। इस कलश यात्रा में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा, कथा व्यास हरिराम दास महाराज, हर्षित शास्त्री आदि संत और कथा वाचक शामिल थे। कलश यात्रा में उज्जैन के कलाकारों के द्वारा ताशे से आरती की गई। चल समारोह में भगवान शिव और माता पार्वती की झांकी भी सजाई गई थी। शाम को यज्ञ शाला में मंडप प्रवेश, मंडप प्रतिष्ठा, मंडप देवता, अग्रि स्थापना, प्रतिमा जलाधिवास आदि की धार्मिक क्रियाएं आदि की गई। इस मौके पर यज्ञाचार्य पंडित रमेश पारीक ने बताया कि दिव्यता के लिए यज्ञ का अनुष्ठान जरूरी है, हमारे ऋषियों ने यज्ञ की परंपरा को शुरू किया हमारे ऋषि मुनि बहुत ही उच्च कोटि के वैज्ञानिक थे। उन्होंने बताया कि यज्ञ के पीछे अध्यात्मिक कारण के साथ-साथ कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। जब हम यज्ञ करते हैं तो बहुत सारे मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इन मंत्रों के प्रभाव से नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती है। जहां पर भी यह हवन यज्ञ किया जाता है, वहां पर देवी-देवताओं की शक्तियों का वास होता है जो कि सकारात्मक है। यज्ञ में जब अग्नि प्रज्वलित की जाती है तो उसमें गाय का शुद्ध देसी घी डाला जाता है व बहुत सारी सामग्री डाली जाती है और इनके डालने से जो धुआं पैदा होता है वह वातावरण को शुद्ध कर देता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर समिति के कमलेश पारीक ने बताया कि रविवार को सुबह नौ बजे से यज्ञ आदि की क्रिया की जाएगी, वहीं रात्रि आठ बजे हरिनाम कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। मंदिर समिति ने यहां पर जारी महोत्सव में सभी श्रद्धालुओं से आने की अपील की है।