धर्म

शुभ कार्यो की शुरुआत का पर्व है देवउठनी एकादशी! 

देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और जिस पावन तिथि पर मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।24 एकादशियों में कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी को बहुत शुभ और फलदायी माना गया है। देवउठनी एकादशी को हरि प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं।एकादशी तिथि 03 नवंबर को शाम 07 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी, जो कि 04 नवंबर को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वालों के पितृ मोक्ष को प्राप्त कर स्वर्ग में चले जाते हैं। एकादशी का व्रत करने वालों के पितृपक्ष के दस पुरुष, मातृपक्ष के दस पुरुष और दूसरे पितृजन बैकुण्ठवासी होते हैं। एकादशी का व्रत यश, कीर्ति , वैभव, धन, संपत्ति और संतान को उन्नति देने वाला है।सबसे अहम बात है कि इसी दिन भगवान शालीग्राम के साथ तुलसी मां का आध्यात्मिक विवाह भी होता है। लोग घरों में और मंदिरों में ये विवाह करते हैं।इस अवसर पर तुलसी की पूजा का महत्व है। शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है।जो व्यक्ति देवउठानी एकादशी का व्रत सच्चे दिल और श्रद्धापूर्वक रखता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस दिन सिर्फ निर्जन या केवल जलीय पदार्थों पर ही उपवास रखा जाता है। अगर आप इस दिन निर्जल व्रत नहीं रखते, तो इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, बासी भोजन आदि का सेवन भूलकर भी न करें।एकादशी तिथि के दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन लड़ाई-झगड़ा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। एकादशी तिथि के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट होती हैं।एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है।एकादशी के दिन संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए। विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए।एकादशी का उपवास रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति होने की मान्यता है।कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।एकादशी कथा के तहत,एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे। प्रजा तथा नौकर-चाकरों से लेकर पशुओं तक को एकादशी के दिन अन्न नहीं दिया जाता था। एक दिन किसी दूसरे राज्य का एक व्यक्ति राजा के पास आकर बोला महाराज! कृपा करके मुझे नौकरी पर रख लें। तब राजा ने उसके सामने एक शर्त रखी कि ठीक है रख लेते हैं। किन्तु रोज तो तुम्हें खाने को सब कुछ मिलेगा पर एकादशी को अन्न नहीं मिलेगा।
उस व्यक्ति ने उस समय 'हां' कर ली, पर एकादशी के दिन जब उसे फलाहार का सामान दिया गया तो वह राजा के सामने जाकर गिड़गिड़ाने लगा- महाराज! इससे मेरा पेट नहीं भरेगा। मैं भूखा ही मर जाऊंगा। मुझे अन्न दे दो।राजा ने उसे शर्त की बात याद दिलाई, पर वह अन्न छोड़ने को राजी नहीं हुआ, तब राजा ने उसे आटा-दाल-चावल आदि दिए। वह नित्य की तरह नदी पर पहुंचा और स्नान कर भोजन पकाने लगा। जब भोजन बन गया तो वह भगवान को बुलाने लगा, आओ भगवन,भोजन तैयार है। उसके बुलाने पर पीतांबर धारण किए भगवान चतुर्भुज रूप में आ पहुंचे और प्रेम से उसके साथ भोजन करने लगे। भोजन करके भगवान अंतर्धान हो गए और वह अपने काम पर चला गया।
15 दिन बाद अगली एकादशी को वह राजा से कहने लगा कि महाराज मुझे दुगुना सामान दीजिए। उस दिन तो मैं भूखा ही रह गया। राजा ने कारण पूछा तो उसने बताया कि हमारे साथ भगवान भी खाते हैं। इसीलिए हम दोनों के लिए ये सामान पूरा नहीं होता।यह सुनकर राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ। वह बोला मैं नहीं मान सकता कि भगवान तुम्हारे साथ खाते हैं। मैं तो इतना व्रत रखता हूं, पूजा करता हूं, पर भगवान ने मुझे कभी दर्शन नहीं दिए।राजा की बात सुनकर वह बोला महाराज! यदि विश्वास न हो तो साथ चलकर देख लें। राजा एक पेड़ के पीछे छिपकर बैठ गया। उस व्यक्ति ने भोजन बनाया तथा भगवान को शाम तक पुकारता रहा, परंतु भगवान न आए। अंत में उसने कहा- हे भगवान! यदि आप नहीं आए तो मैं नदी में कूदकर प्राण त्याग दूंगा।लेकिन भगवान नहीं आए, तब वह प्राण त्यागने के उद्देश्य से नदी की तरफ बढ़ा। प्राण त्यागने का उसका दृढ़ इरादा जान शीघ्र ही भगवान ने प्रकट होकर उसे रोक लिया और साथ बैठकर भोजन करने लगे। खा-पीकर वे उसे अपने विमान में बिठाकर अपने धाम ले गए। यह देख राजा ने सोचा कि व्रत-उपवास से तब तक कोई फायदा नहीं होता, जब तक मन शुद्ध न हो। इससे राजा को ज्ञान मिला। वह भी मन से व्रत-उपवास करने लगा और अंत में स्वर्ग को प्राप्त हुआ।तभी से इस पर्व को मनाए जाने की परंपरा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Îmbunătățește-ți viața cu cele mai bune lățeșuri și trucuri! Descoperă rețete delicioase, sfaturi practice și articole utile despre grădinărit pentru a-ți face viața mai ușoară și mai plină de savoare. Intră acum și află cum să fii mai productiv și să trăiești mai sănătos! Specialistul explică ce le oferă singurătatea femeilor: 5 amintiri Experții recomandă să puneți o monedă Rețeta pentru pui crocant și suculent care este mai tare De ce roșiile sunt Cum să cureți 3 semne ale dragostei Descoperă cele mai recente și utile trucuri de viață, rețete delicioase și articole practice despre grădinărit pe site-ul nostru! Află cum să-ți faci viața mai ușoară cu ajutorul sfaturilor noastre inteligente și să gătești mâncăruri delicioase pentru tine și familia ta. De asemenea, vei găsi informații utile despre cum să-ți îngrijești grădina și să obții recolte bogate și sănătoase. Nu rata șansa de a descoperi tot ce este mai bun pentru tine și casa ta!