सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी गंगा सप्तमी
उज्जैन
पंचांगीय गणना के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर रविवार को रविपुष्य नक्षत्र के सर्वार्थसिद्धि योग में गंगा उत्पत्ति दिवस मनाया जाएगा। अन्य संस्कृति की मान्यता में इस दिन मातृ दिवस भी मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार वैशाख मास में शुक्ल पक्ष के पन्द्रह दिन विशेष माने गए हैं। क्योंकि इस पखवाड़े में विभिन्न अवतरों का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वैसे भी वैशाख मास धर्म आराधना के लिए विशेष है। भगवान विष्णु के विभिन्न अवतरों से जुड़े आख्यान भी इस माह में आते हैं। वैशाख शुक्ल सप्तमी पर गंगा पूजन का विधान है। इस दिन ज्ञात अज्ञात की निवृत्ति के लिए वैदिक रीति से मां गंगा की पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है।
ऐसा करने से वंश की वृद्धि तथा सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस बार गंगा सप्तमी रविपुष्य नक्षत्र के सर्वार्थसिद्धि योग में आ रही है। यह दिन समस्त प्रकार के शुभ मांगलिक कार्यों के लिए विशेष है। इस दिन भूमि, भवन, वाहन, सोना, चांदी, बर्तन आदि की खरीदी भी की जा सकती है।
रविपुष्य का विशेष महत्व : पंचांग में वार, तिथि, योग, नक्षत्र का विशेष महत्व है। रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने से यह रवि पुष्य कहलाएगा। रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने से यह सर्वार्थसिद्धि नामक योग का निर्माण करता है। विशेष नक्षत्र व दिव्य योग की साक्षी में किया गया धार्मिक कार्य,दान एवं तीर्थाटन धर्म की वृद्धि कराता है। साथ ही इस दिन नवीन वस्तुओं की खरीदी तथा नए कार्य की शुरुआत स्थाई सुख व समिद्धि का कारक मानी जाती है।
गंगा उत्पत्ति के साथ मातृ दिवस : भारतीय विभिन्न संस्कृतियों का पोषक है। अंग्रेजी तारीख के अनुसार 8 मई को मातृ दिवस मनाया जाता है। इस बार संयोग ही है कि गंगा उत्पत्ति दिवस 8 मई को आ रहा है, इस दिन मातृ दिवस भी मनाया जाएगा। भारत में नदियों को माता कहा जाता है। इसलिए रविवार को माता गंगा के साथ मातृ शक्ति की आराधना होगी।