देवता भी मनाते हैं दीपावली, जानिए कब…
हिंदू धर्म में देव दीपावली का दिन बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता दिवाली मनाते हैं। देव दीपावली पर गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म में देव दीवाली का बेहद महत्व खास महत्व माना जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। यह पर्व दिवाली के 15वें दिन पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने और वैदिक मंत्रों का जप करने से दोगुने फलों की प्राप्ति होती है। यह पर्व भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय की जयंती का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन सभी देवी-देवता स्वर्ग से पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। देव दीपावली को मुख्य रूप से वाराणसी में गंगा नदी के तट पर मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। देव दीपावली पर महादेव की विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, साथ ही मन से भी भय भी समाप्त होते हैं। इस दिन कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि भी होती है। ऐसे में स्नान दान से जुड़े कार्य करने पर पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी।
देव दीपावली 2024 शुभ मुहूर्त –
पंडित शर्मा के अनुसार 15 नवंबर के दिन 2 घंटे 37 मिनट तक का शुभ मुहूर्त मिलेगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में शाम 5 बजकर 10 मिनट से शाम 7 बजकर 47 मिनट तक देव दीपावली मनाई जाएगी। इसी शुभ मुहूर्त में गंगा घाट पर दिए जलाए जाते हैं। देव दीपावली के दिन सुबह नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं। इस दिन गंगा स्नान करने का भी विधान माना जाता है। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर दीपक में घी या तेल डालकर दान करें। इसके साथ ही इस दिन विधिवत रूप से भगवान शिव की पूजा करें। शाम के समय में दीपक जलाएं और दीपदान करें। इसके बाद अंत में मंत्र जाप करें और आरती करें।
देव दिवाली क्यों मनाई जाती है –
पंडित शर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर सभी देवता दिवाली मनाते हैं, इसलिए इस विशेष दिवाली को देव दीपावली कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन देवताओं ने भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध के बाद स्वर्गलोक में दीप जलाकर उत्सव मनाया था। ऐसी मान्यता है कि त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दिवाली मनाई थी, तभी से देव दीपावली मनाने की शुरुआत हुई थी।
पंडित सौरभ गणेश शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र शास्त्री कॉलोनी स्टेशन रोड सीहोर 9229112381