धर्म

सुखद जीवन के लिए सिर्फ धन की नहीं होती जरूरत..

हर व्यक्ति ये चाहता है कि उसके पास कभी धन की कमी न हो. इसलिए वह सुबह से शाम तक दौड़ता-भागता रहता है जिससे वह धन कमा सके. चाहे वो कोई छोटी चीज हो या बड़ी, बिना धन के उसे खरीदना संभव नहीं होता. भले ही जीवन में धन सब कुछ न हो लेकिन सब कुछ पाने के लिए धन की बहुत जरूरत होती है. आज के समय में बिना धन के जीवन व्यतीत करना संभव नहीं है.

धन महज एक मुद्रा नहीं बल्कि शक्ति, सुरक्षा और स्वतंत्रता है. इसके होने न होने से सिर्फ इतना फर्क पड़ता है कि इसकी मौजूदगी हमे स्वर्ग के बगीचे में होने का एहसास दिलाती है, वहीं उसके न होने पर मानों जैसे ज्वालामुखी के पर्वत के ढाल पर खड़े हों.दान, भोग और नाश ये धन की तीन गतियां मानी जाती हैं. इसमें से जो धन का दान या भोग नहीं करता है, उसके साथ धन की अंतिम गति यानि उसका नाश हो जाता है.

धन एक व्यापार की तरह होता है, जिनके पास नहीं होता वे इसे पूरी सिद्दत से पाना चाहता है. वहीं, जिनके पास इसकी बहुतायत होती है वह मुसीबतों से घिरे रहते हैं.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कड़वे शब्द बोलने वाले, सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के समय सोने वाले और गंदे दांत रखने वाले व्यक्ति के वहां कभी धन की देवी मां लक्ष्मी वास नहीं करती. इसके साथ-साथ उनके घर में दरिद्रता भी आती है.सही तरीके से इस्तेमाल किया गया धन आपके सेवक की तरह काम करेगा, लेकिन वही धन आपका स्वामी हो जाता है यदि आप उसका सही से उपयोग नहीं कर पाते हैं.

 

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