धर्म

आध्यात्मिक आकाश का प्रकाश

चिन्मय आकाश में न तो सूर्यप्रकाश की आवश्यकता है, न चन्द्रप्रकाश अथवा अग्नि या बिजली की, क्योंकि सारे लोक स्वयं प्रकाशित हैं। इस ब्रह्मांड में केवल एक लोक- सूर्य, ऐसा है जो स्वयं प्रकाशित है। लेकिन आध्यात्मिक आकाश में सभी लोक स्वयं प्रकाशित हैं। उन समस्त लोकों के (जिन्हें वैकुण्ठ कहा जाता है) चमचमाते तेज से चमकीला आकाश बनता है, जिसे ब्रह्मज्योति कहते हैं। इस तेज का एक अंश महत-तत्व अर्थात जगत से आच्छादित रहता है। जब तक जीव इस अंधकारमय जगत में रहता है, तब तक वह बद्ध अवस्था में होता है। लेकिन ज्यों ही वह भौतिक जगत रूपी मिथ्या, विकृत वृक्ष को काटकर आध्यात्मिक आकाश में पहुंचता है, त्यों ही मुक्त हो जाता है। तब वह यहां वापस लेकिन अपनी मुक्त अवस्था में आध्यात्मिक राज्य में प्रवेश करता है और परमेर का पाषर्द बन जाता है। वहां पर वह सच्चिदानंदमय जीवन बिताता है।  
जो इस संसार से अत्यधिक आसक्त है, उसके लिए इस आसक्ति का छेदन करना दुष्कर होता है। लेकिन यदि वह कृष्णभावनामृत को ग्रहण कर ले, तो उसके क्रमश: छूट जाने की संभावना है। उसे ऐसे भक्तों की संगति करनी चाहिए जो कृष्णभावनाभावित होते हैं। उसे ऐसा समाज खोजना चाहिए, जो कृष्णभावनामृत के प्रति समर्पित हो और उसे भक्ति करनी सीखनी चाहिए। इस प्रकार वह संसार के प्रति अपनी आसक्ति विच्छेद कर सकता है। यदि कोई चाहे कि केसरिया वस्त्र पहनने से भौतिक जगत के आकषर्ण से विच्छेद हो जाएगा, तो ऐसा संभव नहीं है। उसे भगवद्भक्ति के प्रति आसक्त होना पड़ेगा। यहां परमं मम शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं। वास्तव में जगत का कोना-कोना भगवान की सम्पत्ति है, परंतु दिव्य जगत परम है और छह ऐयरे से पूर्ण है। कठोपनिषद् में भी इसकी पुष्टि की गई है कि दिव्य जगत में सूर्यप्रकाश, चन्द्र प्रकाश या तारागण की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि समस्त आध्यात्मिक आकाश भगवान की आन्तरिक शक्ति से प्रकाशमान है। उस परम धाम तक केवल शरणागति से ही पहुंचा जा सकता है, अन्य किसी साधन से नहीं।  
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Jak čistit odpadovou trubku doma: Nejlepší Jak ušetřit peníze při používání Jak učit kočku do koše na odpadky: 7 univerzálních Ko se Jak rychle uvařit perlovou polévku nebo kastrol: Nelze použít prodlužovací kabel: tyto zařízení jsou přísně zakázány.