धर्म

आत्मा को लेकर गरुड़ पुराण में हैं कई उल्लेख

हिन्दू धर्म की मान्यताओं में पितृ पक्ष के दौरान किसी प्रकार का शुभ कार्य या पूजा- अनुष्ठान नहीं किया जाता। क्योंकि यह 15 दिन का पक्ष सिर्फ पितरों के लिए निश्चित होता है। इस दौरान यदि आप दान करते है, भूखों को खाना खिलाते हैं तो माना जाता है इसका पुण्य आपके पूर्वजों की आत्मा को प्राप्त होता है।

कई बार ऐसा होता कि आपका किसी स्वर्गवासी हो चुके परिजन से इतना ज्यादा लगाव होता है कि वह आपके सपनों में भी दिखता है। गरुण पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष में परिजनों का सपने में दिखना एक विशेष प्रकार का संकेत देता है। आपको यह भी संकेत मिलता है कि आपसे वह पूर्वज क्या आशा करते हैं।

मृतक परिजन बीमार या कष्ट में दिखना – यदि आपके परिजन स्वस्थ्य अवस्था में या अपनी आयु पूरी करने के बाद स्वर्गवासी हुए हैं और सपने में बीमार या कष्ट में दिख रहे हैं तो इसका मतलब है उनकी आत्मा को शांति नहीं मिली। सपने में आकर परिजन आपको संकेत देते हैं कि आप उनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ करें। ऐसे में अपने पंडित या बुजुर्गों की सलाह के अनुसार, तर्पण, श्राद्ध या दान आदि करना चाहिए।

मृतक परिजन का स्वस्थ या खुश दिखना – आपके परिजन यदि सपने में स्वस्थ या खुश दिखाई देते हैं तो इसका संकेत है कि उनकी आत्मा को शांति मिल चुकी है। उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। आपको भी बार-बार उनकी याद करके उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए।

जीवित व्यक्ति को मृत देखना – किसी जीवित व्यक्ति को सपने में यदि आप मृत देखते हैं तो स्वप्न विचार के अनुसार, उस व्यक्ति की आयु बढने का संकेत है।

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