संवत् 2082 में होंगे कई उथल-पुथल, हाथी पर आएंगी मां दुर्गा : पं सौरभ गणेश शर्मा

चैत्र नवरात्रि से हिन्दू नववर्ष की शुरूआत होती है। संवत् में परिवर्तन होता है। अब चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन से संवत् 2082 की शुरूआत होगी। इस दौरान सनातन व राष्ट्रवाद की भावन में वृद्धि होगी। चैत्र नवरात्रि में भी मां दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं। यथाक्रम 29 मार्च को शनि का गोचर मीन में, 14 मई को बृहस्पति का गोचर मिथुन में और 18 मई को राहु एवं केतु गोचर कुंभ और सिंह में होगा। देश और दुनिया में कुछ बड़ा होने वाला है। विक्रम संवत् 2082 से नया वर्ष शुरू होगा। इस नए वर्ष में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भारत की कुंडली में मंगल का प्रभाव रहेगा। मंगल दूसरे घर में बैठा है। भारत की कुंडली के तीसरे भाव में पांच ग्रहों का गोचर होगा।
विश्व में रहेगा अशांति का माहौल-
पंडित सौरभ गणेश शर्मा के अनुसार 29 मार्च 2025 को शनि ग्रह कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। इस दौरान देश और दुनिया में हम बड़े बदलाव को देखेंगे। मीन राशि और 12वां भाव गुरु का है। यहां से शनि लग्न को, पंचम को और अष्टम भाव को देखेंगे। इसके चलते देश के चरित्र, रिश्ते, संतान, शिक्षा, सेहत और विदेश से भारत के संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इससे भारत के अंदर आपसी सौहार्द, शांति और समृद्धि का संतुलन गड़बड़ा जाएगा। विपक्ष और सरकार के बीच संघर्ष की नौबत आएगी। अकाल, युद्ध, दंगे, विस्फोट, भूचाल, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं से देश परेशान रहेगा। बड़ी तादाद में जन और धन हानि होने की आशंका है।
तकनीक और सैन्य क्षेत्र में उन्नति-
पंडित शर्मा ने बताया कि राहु ग्रह कुंभ राशि में गोचर करके कर्म भाव में विराजमान होगा। इस गोचर के चलते भारत तकनीक के क्षेत्र में पहले की अपेक्षा ज्यादा तेजी से आगे बढ़ेगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां मिलने की संभावना है। इसी के साथ ही भारत का सैन्य क्षेत्र में विस्तार होगा और आने वाले समय में भारत की सेना बहुत शक्तिशाली हो जाएगी। हालांकि केतु के कारण घरेलू उद्योग में मंदी देखी जा सकती है। कोरोना वायरस की तरह किसी नई महामारी के आने की संभावना भी बन सकती है। शेयर मार्केट में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव होगा। शेयर मार्केट में नुकसान की संभावना है। गुरु के कारण गोल्ड यानी सोने के भाव में बहुत ज्यादा तेजी देखी जा सकती है। वह 1 लाख के पार जा सकता है। केंद्र सरकार को कुछ राज्यों में दंगे और जन आंदोलन के कारण पूरे वर्ष परेशान रहना पड़ सकता है। भारत का कुछ देशों के साथ टकराव हो सकता है। हालांकि पीएम मोदीजी की कुंडली के अनुसार वर्ष 2026 के मध्य तक उनका सितारा बुलंदी पर रहेगा। देश हित में वे कोई बड़ा फैसला लेकर देश और दुनिया को चौंका सकते हैं।
राष्ट्रवाद की भावना में होगी बढ़ोतरी-
देश में राष्ट्रवाद की भावना भी प्रबल होगी। लोग अपने हितों को छोड़कर एकजुट होकर देश के लिए काम करने की इच्छा से बाहर निकल सकते हैं। इसी दौरान वे लोग भी ज्यादा सक्रिय होंगे, जिनका एजेंडा छद्म रूप से देश को तोड़ने का है। हालांकि इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है कि कौन देश विरोधी है। मार्च तक शनिदेव दंड नायक के रूप में काम करेंगे और इसके बाद बृहस्पति देश की आंतरिक स्थिति को संभालने का कार्य करेंगे। बाद में उन लोगों के बुरे हाल होंगे जिन्होंने देश के खिलाफ काम किया है।
भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने हाथी पर आएंगी मां दुर्गा-
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमीं तिथि तक चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इन नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। बालाजी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शनिवार 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 30 मार्च को घटस्थापना है। इस दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इस बार मां अंबे अपनी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हाथी पर सवार होकर आएंगी।
घटस्थापना समय –
वैदिक गणना अनुसार 30 मार्च को घटस्थापना प्रातः काल (सुबह) 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट के मध्य भी घटस्थापना कर सकते हैं। इन दो शुभ योग में घटस्थापना कर सकते हैं। चैत्र नवरात्र के पहले दिन यानी घटस्थापना तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग है। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा।
मां दुर्गा का आगमन हाथी पर-
यह श्लोक देवीपुराण में निहित है। रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। गज पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन को शुभ माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। चैत्र नवरात्रि का आरंभ इस साल रविवार से हो रहा है यानी कि इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी। ऐसा होने धन-धान्य में वृद्धि होती है और देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होता है। मां दुर्गा हाथी से आएंगी और समापन होने पर हाथी से ही प्रस्थान करेंगी। इस शुभ अवसर मां दुर्गा की मन से पूजा करने पर आपकी हर मनोकामना सिद्ध हो सकती है।
– पंडित सौरभ गणेश शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र शास्त्री कॉलोनी स्टेशन रोड, सीहोर
संपर्क 9229112381