
रेहटी। तहसील के ग्राम बोरदी में 23 मार्च सेे शुरू हुई श्रीमदभागवत कथा का समापन विशाल भंडारेे केे साथ हुआ। इस दौरान सात दिन तक क्षेत्र में ज्ञान की गंगा वहती रही। इस ज्ञान की गंगा में हजारोें लोगों ने डूबकी लगाई एवं अपने जीवन को धन्य बनाया। कथा के अंतिम दिन व्यास पीठ से पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने बताया कि भगवान सबको समय देते हैैं, सबके लिए एक जैसा समय 24 घंटे निर्धारित हैं, लेकिन कई लोग इस समय का उपयोग करकेे अपने जीवन कोे महान बनातेे हैैं तोे कई लोग इसका दुरूपयोग करतेे हैैं औैर वे बाद में बहुत पश्चाताप भी करते हैं। यदि एक बार समय आपकेे हाथ से निकल गया तोे फिर दोेबारा नहीं आता, इसलिए सभी को समय का सही उपयोग करना चाहिए। श्रीमद भागवत कथा का आयोजन ग्राम बोरदी केे ग्राम प्रधान एवं भाजपा के सलकनपुर मंडल अध्यक्ष प्रेमनारायण मीणा ने अपने बेटेे केे जन्मदिन के उपलक्ष्य में कराया था। कथा के अंतिम दिन मंगलवार कोे विशाल भंडारा कराया गया, जिसमें हजारोें श्रद्धालु-भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की।
पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने व्यास पीठ से अंतिम दिन श्रीमद्भागवत कथा में स्यमंतक मणी, जरासंध वध, युधिष्ठिर राजा द्वारा राजसूर्य यज्ञ, शिशुपाल वध, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष की कथा से जुडे़ प्रसंग बताए। उन्होंने कहा कि सतगुरु शुकदेव महाराज ने राजा परीक्षित को कहा कि संसार में कोई भी ऐसा सुख नहीं है, जिसे भोगने के बाद दुःख का अंत हो जाए। यह शरीर हम सभी का हर पल मर रहा है, क्यों न उसकी पहचान करें, जो कभी नहीं मरता है। उसे ही आत्मानुभूति, आत्मानंद, आत्मस्वरूप, आत्मशक्ति, आत्मशांति के नाम से जाना जाता है। पंडित श्री तिवारी ने कहा कि सर्वप्रथम मनुष्य मात्र को यह जानना जरूरी है कि जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण काम क्या है। वेद, शास्त्र, उपनिषदों में ईश्वर प्राप्ति को सर्वाेपरी बताया है। कथा, सत्संग में भगवान के महत्व को समझाया जाता है। ऐसा जिस किसी का भी महत्व जानने के बाद फिर तो कठिन परिस्थितियों में भी कोशिश करके हम सब उन चीजों को हासिल कर ही लेते हैं। हो सकता है संसार में कोशिश करने पर भी मनुष्य को कोई चीज, वस्तु, पद, पैसा, परिवार चाहने पर भी नहीं मिले, लेकिन जिन्हें सच्चा संत सत्गुरु मिल जाए और ईश्वर को महत्वपूर्ण मानकर सच्ची भक्ति साधना करे तो ईश्वर की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि भगवान की जरूरत तो सभी को पड़ेगी। हमें भगवान का ज्ञान देने वाले सच्चे संत गुरुदेव की आवश्यकता है। भगवान का ज्ञान हमें पूरा चाहिए, अधुरा ज्ञान नहीं हो। सद्ज्ञान होने पर जाग्रत,
स्वपन, सुषुप्तावस्था में भी भगवान सदा साथ ही हैं। अपने मन की बात मत मानो, सतगुरु की बात मानोगे तो कल्याण होगा। मुक्ति तन के मरने पर नहीं मन के मरने पर मुक्ति प्राप्त होती है। किसी की सलाह से रास्ता तो मिल जाता है, लेकिन चलना तो स्वयं को पड़ेगा, तब मंजिल मिलेगी। उन्होेंने बताया कि इस संसार में हमारे आत्मकल्याण के लिए बहुत ही कम सीमित समय हैं और देखते हैं कुछ लोग फालतू काम में समय बरबाद कर रहे हैं। समय का आदर सम्मान करो, समय पूजनीय है। ये जो समय जा रहा दोबारा नहीं आएगा। दूसरा समय आएगा। समय एक जैसा किसी का भी नहीं रहा, बदलता रहता है। भगवान सभी को अपने जीवन को सफल बनाने का अवसर देते हैं। समझदार लाभ लेता है और मूर्ख मनुष्य देखता रहता है।
सात दिन तक योगाभ्यास भी कराया-
पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने योगाभ्यास की महिमा बताते हुए कहा कि योगाभ्यास सभी लोगों को करना चाहिए। इससे जहां आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा तोे वहीं मन भी प्रसन्नचित होकर काम करेगा। योगाभ्यास आज से नहीं वर्षों पहले से किया जाता रहा है। हमारे ऋषि-मुनि खूब योगाभ्यास करते थे, ध्यान करते थेे तोे उनकी उम्र भी हजारोें साल हुआ करती थी, लेकिन आज का मनुष्य जीवन की आपाधापी में इस तरह दौड़ रहा है कि उसके पास अपने लिए समय ही नहीं है। वह तोे सिर्फ दौड़ता जा रहा है। पंडित भगवती प्रसाद तिवारी ने कथा के शुभारंभ से लेकर समापन तक प्रत्येक दिन सुबह 6 से 7 बजे तक योगाभ्यास भी कराया एवं लोगों को सीखाया भी। उन्होंने लोगों से कहा कि वे योगाभ्यास को हर दिन अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
ये रहे उपस्थित-
श्रीमद भागवत कथा के दौरान प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। इस दौरान प्रत्येक दिन कई वरिष्ठ भाजपा नेताओें सहित कई प्रबुद्धजनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अंतिम दिन क्षेत्रीय सांसद रमाकांत भार्गव, जिलाध्यक्ष रवि मालवीय सहित वरिष्ठ भाजपा नेता अनार सिंह चौहान, आसाराम यादव, राजेंद्र पटेल, रामगोपाल टेलर, अर्जुन मुकाती, लिखीराम यादव, अरविंद दुबे, भगवत सिंह ठाकुर, दिनेश साहू, नीतेश साहू, प्रदीप पटैरिया, राजेश सिंह राजपूत सहित मंडल के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में भाजपा नेता, कार्यकर्ता सहित आमजन मौजूद रहे।