धर्म

आज है पुत्र प्राप्ति का शनि प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत यानी त्रयोदशी व्रत भगवान शिव को समर्पित है, यह महीने में दो बार पड़ता है. शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तिथि को शनि प्रदोष व्रत कहते हैं.

इस बार शनि प्रदोष व्रत आज 05 नवंबर को है. प्रदोष व्रत की तिथि शाम 5.06 बजे शुरू हो रही है. इस व्रत में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है.

मान्यता है कि इस पूजा को करने वाले व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. खासतौर पर संतान की चाह रखने वाले शख्स के लिए शनि प्रदोष व्रत करने का विधान है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य प. उमाशंकर मिश्र का कहना है कि संतान सुख चाहने वाले शख्स को शनि प्रदोष व्रत रखकर शाम के समय भगवान शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए. इस व्रत को रखने से भक्त शनि दोष से भी छुटकारा पाते हैं.

शनि प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्तः
पंचांग के अनुसार शनि प्रदोष की तिथि पांच नवंबर शाम 5.06 बजे से शुरू होकर अगले दिन रविवार को 4.26 मिनट तक है. प्रदोष व्रत के दौरान महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.03 से रात 8.35 तक है.

प्रदोष व्रत पूजा विधि

त्रयोदशी के दिन सूर्योदय होते ही उठ जाएं, स्नान ध्यान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें
गंगाजल से आदिदेव का अभिषेक करें
अक्षत, बेलपत्र चढ़ाएं, घी का दीया जलाएं, धूप जलाएं और भगवान शिव की प्रार्थना करें
दिनभर उपवास रखें
शाम को फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
गंगाजल से पूजा स्थल स्वच्छ करें, गाय के गोबर से मंडप तैयार करें और मंडप में पांच रंगों से रंगोली बनाएं
पूजा की तैयारी के बाद उत्तर पूर्व दिशा में मुंह कर कुशासन पर बैठें
ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप कर, जल चढ़ाएं, गंगाजल हो तो उसका इस्तेमाल करें या जो भी स्वच्छ जल हो उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें.
प्रदोष व्रत के दिन करें यह उपाय

संतान प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष व्रत पर शिवालय में शिवलिंग पर 11 फूल और 11 बेल पत्र की माला चढ़ानी चाहिए. हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं, शनि मंत्र का जाप करें
आर्थिक समस्या के निदान के लिए शनि प्रदोष के दिन शिवालय में दूध का दान करें.
वैवाहिक जीवन में परेशानी है तो शनिवार के दिन शिव पार्वती की पूजा करें और काली गाय के माथे पर कुमकुम से तिलक करें.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button