धर्म

चैत्र नवरात्रि में कब है अष्टमी और नवमी तिथि, जानें क्यों हैं ये तिथियां खास?

चैत्र नवरात्रि कुछ ही दिनों बाद आरंभ होने वाली है। हिंदू धर्म में देवी से संबंधित वैसे तो कई त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इन सभी में नवरात्रि का विशेष महत्व है। कुछ दिनों बाद ही चैत्र नवरात्रि का शुभ अवसर आने वाला है, जिसकी तैयारी पूरे देश में चल रही है। नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला हिंदू त्योहार है जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि हिन्दू नववर्ष के प्रथम दिन से आरम्भ होती है। चैत्र नवरात्रि मार्च या अप्रैल में पड़ता है। चैत्र हिंदू चंद्र कैलेंडर का पहला महीना है और इस वजह से इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार 'बुराई पर अच्छाई' का प्रतीक है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से मनाया जाता है। इसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, चैत्र नवरात्रि को पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। वैसे तो नवरात्रि के सभी दिन खास होते हैं और अष्टमी और नवमी तिथि का मान्यता कहीं अधिक मानी गई है। आगे जानिए इस बार चैत्र नवरात्रि में कब है अष्टमी और नवमी तिथि और क्यों खास हैं ये दोनों तिथियां।

चैत्र नवरात्रि तिथि
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से आरंभ होकर 30 मार्च तक रहेगी। इस नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगी, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि तिथियों में कोई घट-बढ़ की स्थिति नहीं बन रही है ।

कब है अष्टमी तिथि?
इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को रहेगी। चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 28 मार्च 2023 शाम 07:02 मिनट से शुरू होगी, इसका समापन 29 मार्च 2023 को रात 09.07 मिनट पर होगा। अष्टमी तिथि पर कंजक पूजा यानी कन्या पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। अष्टमी तिथि पर की गई पूजा का फल कई गुना होकर प्राप्त होता है।

कब है नवमी तिथि?
इस बार चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 30 मार्च, गुरुवार को रहेगी। चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 29 मार्च को रात 09 :07 मिनट से लेकर 30 मार्च को रात 11:30 मिनट तक है। राम नवमी की पूजा का मुहूर्त दिन में 11: 11 मिनट से दोपहर 01:40 मिनट तक रहेगा। रामनवमी का पर्व भी इस तिथि पर मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।

नवमी पर बन रहे हैं 4 शुभ योग
महानवमी के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं। दुर्गा नवमी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग है। गुरु पुष्य योग रात 10: 59 मिनट से सुबह 06:13 मिनट तक है। अमृत सिद्धि योग भी रात 10:59 बजे से सुबह 06:13 बजे तक है।
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Jak vrátit ponozkám bělostnou barvu V Austrálii zemřel muž na extrémně vzácný virus: Proč kočka 4 důvody, proč je solný