धर्म

क्यों जाते हैं लोग अमलनेर के मंगलदेव मंदिर, क्या होता है मंगलवार को वहां?

महाराष्ट्र में जलगांव के पास अमलनेर में स्थित श्री मंगल देव ग्रह का एक प्राचीन मंदिर है। यहां पर हर मंगलवार के दिन लाखों भक्तों मंगलदेव के दर्शन करने जाते हैं। आकिर ऐसा क्या है इस मंदिर में कि लागों श्रद्धालुओं की यहां भीड़ उमड़ती है। क्या खासियत है इस मंदिर की? आओ जानते हैं इस के बारे में।

सर्वजाति और वर्ग के लोग आते हैं हाजरी लगाने : कहते हैं कि इस मंदिर में मंगलवार को हर वर्ग और समाज के लोग आकर मंगल देव के समक्ष हाजरी लगाते हैं। खासकर मंगलिक दोष से पीड़ित लोग, राजनीतिज्ञ, किसान, ब्रोकर, पुलिस, सैनिक, सिविल इंजीनियर के साथ ही जिन लोगों को किसी भी प्रकार का कोई रोग है तो वे भी मंगलदेव के मंदिर में आकर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

मांगलिक दोष निवारण की शांति हेतु होता है अभिषेक : अमलनेर में श्री मंगल देवता के स्थान को प्राचीन और जागृत स्थान माना जाता है। यहां पर पंचमुखी हनुमानजी के साथ ही भू माता के साथ मंगलदेव विराजमान हैं।मंदिर से जुड़े भक्तों का मानना है कि यह धरती पुत्र मंगल देव का जन्म स्थान है। यहां पर मंगलवार को लाखों भक्त पूजा और दर्शन करने आते हैं। इसी के साथ यहां पर मंगल की शांति हेतु महाभिषेक किया जाता है। जो लोग मांगलिक हैं या जिनका विवाह नहीं हो रहा है उनके लिए यहां पर मंगल की सामूहिक और विशेष पूजा होती है। कहते हैं कि यहां पर मंगलवार को आकर की गई मंगल पूजा और अभिषेक से शर्तिया मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है और जातक सुखी वैवाहिक जीवन यापन करता है।

मंगलदेव हैं इन लोगों के आराध्य देव : इसके अलावा यहां कि एक और खासियत यह है कि कृषि कार्य, राजनीति, पुलिस, सेना से जुड़े लोगों की भी यहां भीड़ उमड़ती है क्योंकि मंगल देव को युद्ध का देवता माना जाता है। कृषि कार्य भी मंगल से जुड़ा कार्य होने के कारण यहां काश्तकार यानी किसान लोग भी हाजरी लगाने आते हैं ताकि उनका कार्य सुचारू रूप से चलता रहे। मंगलदेवता इन सभी के आराध्यदेव हैं, इसीलिए इन ये सभी लोग यहां इसलिए हाजरी लगाते हैं क्योंकि उनपर मंगलदेव की कृपा बनी रहे।

ऋण और रोग मुक्ति के देव : मंगल देव सेहत संबंधी समस्या भी दूर करते हैं इसीलिए भी यहां पर हजारों लोग रोग और ऋण मुक्ति के लिए भी आते हैं। कहते हैं कि हमारे शरीर में दौड़ता खून मंगल का ही प्रतीक है और यदि खून खराब होता है तो कई तरह के रोग उत्पन्न होते हैं। ऐसे में यहां पर मंगल देव की कृपा से रोग मुक्ति का आशीर्वाद पाया जा सकता है।
 

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