
सुमित शर्मा, सीहोर
9425665690
भारतीय जनता युवा मोर्चा सीहोर की जिला कार्यकारिणी की घोषणा को कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन युवा नेताओं के बीच में बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। युवा मोर्चा में वर्षों से कार्य कर रहे इन नेताओं की नाराजगी है कि उन्हें कार्यकारिणी में पद नहीं दिए गए हैं, जबकि कई ऐसे युवाओं को पद बांट दिए गए हैं, जिन्हें मोर्चा में आए कुछ ही दिन हुए हैं। हालांकि कई युवा नेताओं की तो यह भी नाराजगी है कि उन्हें न तो पद मिला और न ही कहीं पर जिला कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र पाटीदार ने 28 अप्रैल को सीहोर में हुई युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मालवीय सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में 7 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 32 अन्य पदाधिकारी सहित 38 जिला कार्यकारिणी सदस्यों की जंबो कार्यकारिणी की घोषणा की थी। इस कार्यकारिणी में जिले की सीहोर, बुदनी, आष्टा एवं इछावर विधानसभा से मोर्चा के युवा नेताओं को पदाधिकारी बनाया गया है। जिला कार्यकारिणी में कई नेताओं को बतौर सदस्य शामिल किया गया है, तो वहीं कई युवाओं को विभिन्न पद दिए गए हैं। बतौर जिला कार्यकारिणी सदस्य शामिल किए गए एक दर्जन से अधिक नेताओं की नाराजगी है कि उन्हें पद मिलने चाहिए थे। वे वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक आश्वासन ही मिलते रहे हैं। हालांकि इन युवा नेताओं में से कई ऐसे भी हैं, जो पहले की कार्यकारिणी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वाले पद पर थे, लेकिन इस बार उन्हें जिला कार्यकारिणी में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
नहीं हुआ उम्र के बंधन का पालन, नेता पुत्रों को तवज्जो-
सीहोर जिले की युवा मोर्चा कार्यकारिणी में उम्र के बंधन को भी पार कर दिया गया है। युवा मोर्चा के लिए अधिकतम 35 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित है, लेकिन मोर्चा में इससे अधिक उम्र के युवा नेताओं को जिम्मेदारियां दी गर्इं हैं। इस बार प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार द्वारा भी उम्र के क्राइटैरिया में ही नियुक्तियों की बात कही गई थी, लेकिन इसके बाद भी उम्र के बंधन को पार किया गया है। इधर कई क्षेत्रीय नेता पुत्रों को भी मोर्चा में पदाधिकारी बनाया गया है, जबकि संगठन में एक परिवार एक पद का मापदंड तय है।
सामने आ रहे विरोध के स्वर-
भारतीय जनता युवा मोर्चा के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। कई नेताओं ने जहां जिला कार्यकारिणी की घोषणा के बाद जिला कार्यकारिणी सदस्य पद को स्वीकारने से मना करते हुए त्याग पत्र सौंप दिया है तो वहीं कई युवा नेता त्याग पत्र देने पर विचार कर रहे हैं। इन नेताओं ने अपनी नाराजगी भी सत्ता-संगठन में बैठे अपने आकाओं तक पहुंचा दी है।
इनकी सामने आई दबी जुवां में नाराजगी-
– भविष्य जाट को जिला कार्यसमिति सदस्य बनाया गया है। ये विद्यार्थी परिषद से युवा मोर्चा में जुड़कर कार्य कर रहे हैं। इन्हें जिला कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया है। हालांकि इनका कहना है कि संगठन ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी है उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाउंगा।
– अंकित चौहान भी विद्यार्थी परिषद से मोर्चा में काम कर रहे हैं। ये युवा मोर्चा की जिला कार्यकारिणी में पहले पूर्व नगर उपाध्यक्ष, मंडल उपाध्यक्ष भी रहे हैं। इस बार इन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।
– योगेंद्र भाटी जिला कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं। इससे पहले ये युवा मोर्चा में जिला मंत्री थे और इस बार इनकी दावेदारी महामंत्री पद के लिए थी, लेकिन नहीं बनाया गया। ये भाजपा के दिग्गज नेता रघुनाथ सिंह भाटी के भतीजे हैं एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान के भी बेहद करीबी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में इन्हें बुदनी विधानसभा का सहप्रभारी बनाया गया था। लोकसभा चुनाव में भी यही जिम्मेदारी दी गई थी। ये जिला सोशल मीडिया प्रभारी भी रहे हैं।
– शंकर राजपूत जिला कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए हैं। ये पहले नसरूल्लागंज मंडल के नगर महामंत्री, नगर मंत्री, नगर कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। हालांकि ये बतौर कार्यकर्ता मोर्चा में कार्य करना चाहते हैं, लेकिन कहीं न कहीं पद न मिलने की टीस भी है।
– मनोज राजपूत को जिला कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया है। हालांकि ये इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इससे पहले ये सलकनपुर मंडल के मंत्री, उपाध्यक्ष एवं महामंत्री भी रहे हैं, लेकिन इस बार इन्हें सदस्य बनाया गया था। इन्होंने सोशल मीडिया पर विरोध भी दर्ज कराया है।
– नीतेश साहू को भी जिला कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया है। इन्होंने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विरोध दर्ज कराया एवं पद नहीं स्वीकारने की बात लिखी। नीतेश साहू भी लंबे समय से युवा मोर्चा के लिए काम कर रहे हैं। ये प्रदेश कार्यसमिति में भी सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। नीतेश साहू कार्तिकेय चौहान के साथ भी शुरूआती दौर से हैं और उनके करीबी भी हैं। इसके अलावा वे बुदनी विधानसभा के अन्य नेताओं के भी प्रिय हैं।
– पद नहीं मिलने की नाराजगी नितेश महांकाल, दौलत चौधरी, अभिषेक भार्गव, गिरवर सिंह राजपूत, दीपक दरबार, पीयूष तिवारी, सहवाग चौबे, विशाल खत्री सहित अन्य युवा नेताओं ने भी जाहिर की है। सोशल मीडिया पर विरोध भी जताया। कई नेताओं के तो परिजनों ने भी विरोध जताया एवं वरिष्ठ नेताओं को जमकर कोसा है।
चुनावी वर्षों में कहीं भारी न पड़ जाए बेरूखी-
भाजपा की रीढ़ कहे जाने वाली युवा मोर्चा की टीम पर जमीनी स्तर के कार्यों का पूरा दारोमदार रहता है। खासकर चुनावों के दौरान युवा मोर्चा की महत्ती जिम्मेदारी होती है। ऐसे में युवा नेताओं की नाराजगी कहीं भाजपा को भारी न पड़ जाए। दरअसल अब लगातार चुनाव ही चुनाव हैं। यदि सरकार पंचायत चुनाव कराने का निर्णय लेती है तो सबसे पहले पंचायतीराज चुनाव होंगे। इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव, अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव तो 2024 में लोकसभा के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में कहीं युवा नेताओं की नाराजगी सत्ता-संगठन के लिए भारी न पड़ जाए।
इनका कहना है-
युवा मोर्चा की कार्यकारिणी पार्टी संगठन, जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं जिले के सभी 19 मंडलों के पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ नेताओं की सहमति एवं सहभागिता के बाद घोषित की गई है। कार्यकारिणी में जिले की सभी विधानसभा सीटों के युवा नेताओं को शामिल किया गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा पूरा एक परिवार है और परिवार में यदि कोई नाराज भी है तो उसे मनाया जाएगा।
– भूपेंद्र पाटीदार, जिलाध्यक्ष, भाजयुमो, सीहोर