रेहटीसीहोर

पैसे लेकर फर्जी तरीके से बनाए जा रहे आयुष्मान कार्ड, अस्पतालों में नहीं हो रहे मान्य

- रेहटी तहसील में जमकर चल रहा है फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने का कारोबार, एक हजार से लेकर पांच हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं कार्ड बनाने के नाम पर

रेहटी। तहसील मुख्यालय पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने का कारोबार जमकर चल रहा है। रेहटी नगर में कई स्थानों पर ये कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके एवज में एक हजार से लेकर पांच हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं। आयुष्मान कार्ड के नाम पर बनाए जा रहे फर्जी कार्डों का पता उस समय चला, जब यहां के लोग अस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के जरिए इलाज करवाने पहुंचे, लेकिन वहां पर उनके कार्डों को मान्य ही नहीं किया गया।
रेहटी तहसील फर्जी कामों को लेकर लगातार चर्चाओं में है। इस बार यहां पर गलत तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के जरिए पांच लाख रुपए तक का इलाज नि:शुल्क करवाया जा रहा है। इसके लिए पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे। कार्ड बनवाने के लिए समग्र आईडी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होते हैं और फिर कार्ड बनाए जाते हैं, लेकिन रेहटी में फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बना दिए गए। अब ये कार्ड अस्पतालों में मान्य ही नहीं किए जा रहे हैं। इसके कारण जहां लोग परेशान हैं तो वहीं इलाज में उनका पैसा भी खूब लग रहा है।
जमकर कमाए पैसे-
रेहटी में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो लगातार फर्जी कामों के जरिए पैसे कमा रहे हैं। ऐसे ही रेहटी में कुछ सेंटर हैं, जहां पर इन फर्जी आयुष्मान कार्डों को बनाया गया है। दरअसल आयुष्मान कार्ड के लिए परिवार की समग्र आईडी की जरूरत होती है। इसके अलावा आधार कार्ड के जरिए भी इन्हें बनाया जाता है। फर्जी कार्ड बनाने वालों ने अन्य दूसरों लोगों की समग्र आईडी के जरिए कई ऐसे लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बना दिए हैं, जो इस योजना के दायरे में ही नहीं आते। अब ये लोग जब इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए और योजना का लाभ लेना चाहा तो इनके कार्ड ही मान्य नहीं किए गए। इन्हें पैसे खर्च करवाकर ही इलाज कराना पड़ा। यहां बता दें कि रेहटी नगर में ये फर्जी कार्ड बनाने का काम कई सेंटरों पर किया जा रहा है, लेकिन अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ये हैं पात्र हितग्राही-
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की घोषणा 2018 में की गई थी। योजना में वर्ष 2011 से गरीबी रेखा सूची में पात्र हितग्राहियों को शामिल किया गया है, लेकिन कई ऐसे लोगों के कार्ड भी बना दिए गए हैं, जो इस दायरे में ही नहीं आते हैं।
इनका कहना है-
यदि गलत तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं तो यह उचित नहीं है। यदि इनकी हमारे पास शिकायत आएगी तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. मेहरबान सिंह, ब्लॉक मेडिकल प्रभारी, बुधनी, जिला सीहोर

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