आष्टा। नगर की पार्वती धाम गौशाला में आवारा पशुओं को रखकर उनकी सेवा की जाती है। गौशाला समिति नागरिकगणों के सहयोग से ही इस गौशाला का प्रबंधन करती है, जिसमें अपाहिज, बीमार गायों के साथ ही दुर्घटना में गंभीर गायों का भी ईलाज किया जाता है। उनके चारे व पानी का भी प्रबंध किया जाता है। ईलाज के साथ ही गायों के चारे, भूसे में भी अर्थ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, जिसे समाजजन से तो एकत्रित किया ही जाता है, साथ ही भूसे के लिए व उसके उचित रखरखाव के लिए भी समिति को विशेष प्रबंधन करना पड़ता है। गौशाला समिति इसलिए ही नगर के वरिष्ठ नागरिकों के जन्मोत्सव के साथ ही वैवाहिक वर्षगांठ के छोटे-छोटे आयोजन भी प्रतीकात्मक रूप से गौशाला में आयोजित करती है। इसी क्रम में गौ सेवा समिति द्वारा वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. विजय कुमार कोचर का जन्मदिन गौशाला में मनाया। इस अवसर पर उनके पुत्र कुलदीप कोचर एवं अमरदीप कोचर द्वारा 5100 रूपए की नगद राशि गौ सेवा हेतु प्रदान की। डॉ. कोचर का गौशाला अध्यक्ष नरेन्द्र कुशवाह एवं पदाधिकारी संजय सुराणा ने साफे व फूल माला से स्वागत कर सम्मान किया और उनकी लम्बी उम्र और उत्तम स्वास्थ की कामना की। डॉ. कोचर ने इस अवसर पर कहा कि सनातन हिन्दू धर्म में गौसेवा का महत्वपूर्ण स्थान है। वेदो में गायों को मं की संज्ञा दी गई है और इसमंे मां लक्ष्मी सहित सभी देवताओं का वास माना गया है। भगवान कृष्ण भी गौसेवक ही थे और अपनी दिनचर्या का अधिकतम समय गौसेवा मंे ही देते थे। समय के साथ समाज में बहुत बदलाव आया है। गाय घर-घर पूजी जाती थी अब दूध बंद हो जाने पर उसे लोगों द्वारा आवारा ही छोड़ दिया जाता हैं, जिससे वह प्लास्टिक पन्नी व अन्य दूषित वस्तुए खाकर काल के गाल में समा रही है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपनी क्षमता अनुसार गौशाला में मौजूद इन गायों की भूसा, चारे की व्यवस्था में सहयोग करें, ताकि गायों को विलुप्त होने से बचाया जा सकें।