बच्चों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार करने से बाल अपराधों को रोका जा सकता है : सचिव श्री दांगी
वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर छात्रो को दी गई कानून की जानकारी
सीहोर। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष आरएन चंद के निर्देश पर आवासीय खेलकूद संस्थान एवं एनएसएस के छात्रों को विधिक जानकारी देने के उद्देश्य से गूगल मीट पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस जागरूकता शिविर में 100 छात्र एवं शिक्षक वर्चुअल रूप से शामिल हुए। शिविर में निःशुल्क विधिक सहायता योजना, म.प्र. अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना, बाल श्रम अपराध कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार दांगी ने शिविर में छात्रों एवं शिक्षकों को पॉक्सो अधिनियम के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पालकों एवं शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि बालकों से मेत्रीपूर्ण व्यवहार करें, इससे वे आपको उनके साथ होने वाली बातें सहजता से बताएंगे, जिससे बालकों के विरूद्ध अपराधों को रोका जा सकता है। उन्होंने छात्रो से कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है। गरीब के लिए भी वही कानून है और अमीर के लिए भी वही कानून है। उन्होंने साईबर कानून के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग ज्ञानवर्धन के लिए करें, बेवजह उपयोग करने या कोई गलत मैसेज या वीडियो किसी को भेजने से आप अपराध के भागीदार बन सकते हैं, साथ ही सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग आपको मानसिक एवं शारीरिक रूप से बीमार करता है। अतः यह जरूरी है कि सोशल मीडिया का जितना आवश्यक हो उतना ही उपयोग करें।
सचिव मुकेश कुमार दांगी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए अपनी जीवनी के बारे में बताया और कहा कि गरीबी को शिक्षा के माध्यम से ही हटाया जा सकता है। आप लोग मन लगाकर खूब पढ़कर जज, कलेक्टर, पुलिस एवं बड़े पदों पर आसीन हो सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा कानून के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का जवाब देकर मार्गदर्शित किया गया। वर्चुअल शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी अनीस उद्दनी अब्बासी एवं प्राचार्य शासकीय आवासीय खेद कूद संस्थान आलोक शर्मा शामिल हुए।