
सीहोर/रेहटी। रेहटी तहसील में चल रहे मिट्टी, गिट्टी और कोपरे के अवैध कारोबार पर कार्रवाई की गई, लेकिन इस कारोबार से जुड़े लोगों ने कार्रवाई के बाद ताबड़तोड़ रायल्टी कटवा ली। इधर अवैध खनिज कारोबारी बोरी सहित आसपास के जंगल से भी कोपरा और मिट्टी निकाल रहे हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बुधनी विधानसभा की रेहटी तहसील अवैध कारोबार का गढ़ बन गई है। यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा जमकर अवैध खनिज का कारोबार किया जा रहा है। ये लोग तो इस कारोबार से लाखों की कमाई कर रहे हैं, लेकिन सरकारी खजाने को जमकर पलीता लगाया जा रहा है। अवैध खनिज का यह कारोबार विभाग की मिलीभगत से संचालित किया जा रहा है। यही कारण है कि कार्रवाई हुई तो विभाग ने उनकी रायल्टी भी काट दी। हालांकि बताया जा रहा है कि रायल्टी को मान्य नहीं किया गया है और डंपर मालिकों पर इसकी 50-50 हजार रूपए की पैनल्टी लगाई गई है।
जंगल से भी निकाल रहे मिट्टी-कोपरा-
अवैध खनिज कारोबार से जुड़े कई रसूखदार लोग जंगल से भी कोपरा और मिट्टी निकालकर बेच रहे हैं। इसके कारण वनों की सेहत भी खराब हो रही है। यह कारोबार बोरी सहित रेहटी से सटे हुए आसपास केे जंगल में किया जा रहा है। इसके कारण जहां जंगलों को नुकसान हो रहा है तो वहीं वन संपदा भी क्षतिग्रस्त की जा रही है।
नियम ताक पर, चल रही है मनमानी-
इधर क्रेशर मशीनों के लिए बनाए गए नियमों की भी जमकर अनदेखी की जा रही है। क्रेशर मशीनों के संचालकों को जिन नियमों के तहत गिट्टी बनाने के लिए पत्थर निकालने की अनुमति दी गई उन्होंने उससे कई गुना ज्यादा तक खदान की खुदाई करके पत्थर निकाल लिए हैं और लगातार निकाले भी जा रहे हैं। इसी तरह कोेलार नदी की सेहत को भी खराब किया जा रहा है। नियमानुसार नदी से 500 मीटर की दूरी पर क्रेशर मशीन लगाई जानी चाहिए, लेकिन नदी से सटाकर ही ये मशीनें धड़ल्ले से चल रही है। सरकार ने इन क्रेशर मालिकों को जो जमीन लीज पर दी गई है वे वहां से तो नहीं, दूसरी जमीन से पत्थर निकालकर क्रेशर चला रहे हैं। नदी से भी पत्थर निकालकर उससे अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं।
इनका कहना है-
बिना रायल्टी के चल रहे डंपरों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन कार्रवाई के बाद उन्होंने रायल्टी कटवाई है, जिसे मान्य नहीं किया गया है। सभी पकड़ाए डंपरों पर पैनल्टी लगाई गई है।
– राजेंद्र परमार, जिला खनिज अधिकारी, सीहोर
जंगल से अवैध खनिज की जानकारी नहीं है। लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। हमारा अमला हर तरफ से जंगलों पर नजर रखे हुए हैं। यदि ऐसा हो रहा है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
– रीतू तिवारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी, रेहटी