सीहोर। गेहूं की फसल के बाद किसान मूंग की बोवनी करेंगे, लेकिन उन्हें मूंग की फसल अपने पेयजल स्त्रोतों से ही तैयार करनी पड़ेगी, क्योंकि कोलार डेम से मूंग की फसल के लिए पानी नहीं मिलेगा।
रेहटी, नसरूल्लागंज तहसील के कई गांवों को कोलार डेम से खेती के लिए पानी दिया जाता है। डेम से गेहूं की फसल के लिए किसानों को भरपूर पानी मिलता है, लेकिन इस बार चर्चाएं थीं कि किसानों को मूंग की फसल के लिए एक माह कोलार डेम से पानी दिया जाएगा। किसान भी खुश थे कि उन्हें मूंग के लिए पानी मिलेगा, लेकिन ये चर्चाएं भ्रामक साबित हुर्इं। इस संबंध में कोलार परियोजना के अधिकारियों के पास ऐसे कोई आदेश नहीं है कि उन्हें किसानों को मूंग की फसल के लिए पानी देना है। यदि किसान मूंग की बोवनी करें तो वे अपने जल स्त्रोतों से ही पानी दें।
इनका कहना है-
कोलार डेम से किसानों को मूंग के लिए पानी देने संबंधी कोई आदेश नहीं है। मूंग के लिए कोलार डेम से पानी नहीं दिया जाएगा।
– हर्षा जैनवाल, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, कोलार परियोजना, रेहटी