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धान खरीदी में धांधली, व्यापारी उठा रहे हैं लाभ

किसानों से औने-पौने दाम पर धान खरीदकर अब बेच रहे समर्थन मूल्य पर, वेयर हाउस प्रबंधक एवं सहकारी समितियों के प्रबंधकों की मिलीभगत से हो रही तुलाई में मनमानी

सीहोर। जिले में चल रही धान खरीदी में भी जमकर धांधली की जा रही है। इसका लाभ स्थानीय व्यापारी उठा रहे हैं। दरअसल व्यापारी और बिचैलियों ने किसानों से सस्ते दाम पर धान खरीद ली और अब वे समर्थन मूल्य पर धान को बेच रहे हैं। ऐसी धांधली बुधनी विधानसभा में चल रही धान खरीदी में सबसे ज्यादा सामने आ रही है।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश थे कि धान खरीदी में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो। इसके लिए उन्होंने किसानों के पंजीयनों का वेरीफिकेशन करने के भी निर्देश दिए थे। इसके लिए कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने राजस्व अमले से किसानों के पंजीयनों का वेरीफिकेशन भी कराया था, लेकिन इसके बाद भी धान खरीदी में जमकर धांधली की जा रही है। यह स्थिति निजी वेयर हाउसों पर बनाए गए खरीदी केंद्रों के अलावा मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के बोरी स्थित कैप पर भी बनी हुई है। यह सारा खेल वेयर हाउस के प्रबंधकों एवं सहकारी समितियों के प्रबंधकों के साथ मिलकर खेला जा रहा है।
ऐसा हो रही है धान की तुलाई-
किसानों ने अपनी धान की उपज सितंबर-अक्टूबर में निकाल ली थी। तब से उनकी धान घरों में ही रखी हुई थी। एक दिसंबर से सरकार ने धान की खरीदी शुरू की, लेकिन इससे पहले ही कई किसानों ने अपनी धान की उपज बिचैलियों के अलावा मंडियों में व्यापारियोें को भी बेच दी। व्यापारी एवं बिचैलियों ने किसानों से 600-700 के भाव में धान की खरीदी कर ली। अब वे इसी धान को समर्थन मूल्य 1940 रूपए में बेचकर अच्छा-खासा लाभ कमा रहे हैं, जबकि किसान धान की उपज में अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहा है। सूत्रों की मानें तोे बोरी कैप इस समय सबसे ज्यादा धांधली का गढ़ बना हुआ है। यहां पर परिवहन में भी जमकर गड़बड़ी की जा रही है।
ये थी पंजीयन की स्थिति-
प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू की गई है। इसके लिए समर्थन मूल्य 1940 रूपए रखा गया है। समर्थन मूूल्य पर क्रांति, टेन-टेन सहित अन्य वैरायटी की धान खरीदी जा रही है। रेहटी शाखा के अंतर्गत बोरदी, बोरी, मोगरा, मरदानपुर, चकल्दी और रेहटी केंद्र पर धान की खरीदी की जा रही है। इस बार धान के लिए बोरदी केंद्र पर 750 किसानों ने पंजीयन कराएं हैं। यहां पर 1785.120 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी। इसी प्रकार बोरी में 749 किसानों ने पंजीयन कराएं औैर यहां पर 757.610 हेक्टेयर में धान थी। मोगरा केंद्र के लिए 586 किसानों के पंजीयन हुए हैं और यहां पर 1208 हेक्टेयर मेें धान लगाई गई थी। मरदानपुर केंद्र पर 290 किसानों के पंजीयन हुए हैं और यहां पर 619.890 हेक्टेयर में धान थी। चकल्दी केंद्र पर 739 किसानों के पंजीयन किए गए हैं औैर यहां पर 1624.430 हेक्टेयर में धान थी। इसी प्रकार रेहटी केंद्र पर 121 किसानों ने ज्वार, बाजरा बेचने के लिए अपने पंजीयन कराए हैं।
इनका कहना है-
किसान अपनी धान की उपज लेकर सेंटर पर आ रहे हैं। जिन किसानों के पंजीयन हुए हैं उनकी ही धान ली जा रही है। सेंटर पर आने वाले सभी किसानों से धान ली जा रही है। इसमें यह बता पाना मुश्किल है कि कौन व्यापारी है और कौन किसान।
– सुखराम वर्मा, समिति प्रबंधक, मरदानपुर

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