
सीहोर-रेहटी। रेहटी तहसील की ग्राम पंचायतों में तैैनात चौकीदारों को दो माह सेे वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण कई चौकीदारों को आर्थिक समस्याएं आ रही हैैं। तहसील में चौैकीदारोें की संख्या 100 से भी अधिक है। हालांकि इनका वेतन बहुत ज्यादा तो नहीं, लेकिन 400 रूपए से लेकर 4000 रूपए तक का वेतन इन्हें प्रत्येेक माह मिलता है। इसकेे अलावा साल में दो बार वर्दी की राशि मिलती है।
ग्राम पंचायतोें में सरकार के निर्णय सहित अन्य सूचनाओें की मुनादी पिटना हो या राजस्व से संबंधित कोई मामला हो, इसके लिए ग्राम पंचायतोें में तैनात चौकीदार अहम भूमिका निभाते हैं। वे ग्राम पंचायत केे पहरेदार होतेे हैैं, जो महत्वपूर्ण सूचनाएं तहसीलदार, पटवारी एवं थानों में पहुंचातेे हैैं। कई मामलोें में चौकीदारों की सूचनाएं एवं इनके बयान भी महत्वपूर्ण होते हैं। चौकीदारों को तहसील कार्यालय से वेतन दिया जाता है, लेकिन रेहटी तहसील में दोे माह सेे इन चौकीदारों कोे वेतन नहीं मिल पाया है। इसके कारण ऐसे चौकीदार जो सिर्फ वेतन से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैैं उन्हें परेशानियां आ रही हैं।
जिनके पास जमीन है, उन्हें मिलता है कम वेतन-
ग्राम पंचायतोें केे चौैकीदारों को प्रत्येेक माह वेतन मिलता है, लेकिन जिन चौकीदारों के पास सरकारी जमीन है और वेे उस पर खेती करतेे हैं उन्हें अलग-अलग वेतन दिया जाता है। जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें प्रत्येक माह 4 हजार रूपए वेतन मिलता है। इसी तरह जिनके पास 10 एकड़ जमीन है उन्हें 400 रूपए, 7 एकड़ जमीन वालों कोे 600 रूपए, 2 एकड़ जमीन वालोें कोे लगभग 1500 रूपए प्रत्येेक माह वेतन मिलता है। इसी तरह साल में दोे बार चौकीदारों को वर्दी की राशि दी जाती है। यह राशि 3800 एवं 3000 हजार होती है। इससे ही इन्हें अपनी जीवनी चलानी होती है। वेतन की समस्या कोे लेकर रेहटी तहसीलदार से चर्चा करनी चाही, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।