सीहोर

सलकनपुर रोप-वे: तीन चरणों की जांच, ताकि न आए यात्रियों पर आंच

- प्रतिवर्ष लोक निर्माण विभाग की टीम भी करती है जांच, सर्टिफिकेट के बाद ही मिलती है संचालन की अनुमति

सीहोर-रेहटी। झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोप-वे हादसे के बाद अब रोप-वे को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ऐसे मेें सीहोर जिले के सलकनपुर में लगेे रोप-वेे कोे लेकर भी स्थिति जानी। रोप-वेे लगा है तोे हादसा तोे यहां भी हो सकता है, लेकिन सलकनपुर में लगा रोप-वेे तीन चरणों की जांच के बाद शुरू होता है। यह जांच प्रतिदिन की जाती है, ताकि किसी प्रकार की परेशानियां इसमेें बैठने वालेे यात्रियों को न आए।
सलकनपुर में कन्वेयर रोप-वे सर्विस प्राइवेट लिमिटेड (सीआरएस) कंपनी कोलकाता द्वारा वर्ष 2009 मेें रोप-वे लगाया गया था, तभी से इसका संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। शुरूआती दौर में कुछ तकनीकी खराबी आई थी, लेकिन उसे भी समय रहते ठीक कर लिया गया था। रोप-वे की प्रतिदिन तीन चरणों में जांच होती है औैर उसकेे बाद ही इसे यात्रियों के लिए शुरू किया जाता है। कई बार दिन में भी इसकी जांच की जाती है, ताकि किसी अप्रिय घटना न हो।
दो प्रकार के होते हैं-
रोप-वे दो प्रकार के होते हैैं। एक वाइकेवल रोप-वे, दूसरा मोेनोकेवल रोप-वे। सलकनपुर में संचालित रोप-वे मोनोकेवल है। हालांकि देवघर में भी मोनोेकेेवल ही था, जिसके तार टूटने से यह दुर्घटना हुई है। सलकनपुर में संचालित रोप-वे भी मोनोेकेेवल ही है, लेकिन इसकी लगातार जांच की जाती है, ताकि कोेई ऐसी घटना न हो। इसमेें हाईड्रोलिक सिस्टम, लिफ्टिंग अरैजमेंट होता है, जिसकी समय-समय पर चैकिंग बेहद जरूरी होती है।
रोप-वे की आय से भी मंदिर को मिलती है रायल्टी-
सलकनपुर में लगे रोप-वे की आय से मंदिर को भी रायल्टी मिलती है। रोप-वे संचालित कर रही कंपनी सीआरएस प्रति व्यक्ति 100 रूपए आने-जाने का किराया वसूलती है। इसमें से कंपनी को 18 प्रतिशत की जीएसटी एवं 15 प्रतिशत की रायल्टी भी देनी होती है। इसके अलावा रोप-वे संचालन में लगे स्टॉफ की सैलरी सहित अन्य खर्चें भी हैं। कंपनी द्वारा मंदिर समिति को 15 प्रतिशत रायल्टी कुल इनकम मेें सेे दी जाती हैै।
इनका कहना है-
सीआरएस कंपनी द्वारा वर्ष 2009 से रोप-वे का संचालन सलकनपुर में किया जा रहा है। तब से लेकर आज तक ऐसी कोेई परेशानियां नहीं आई, जिससे इसमें बैठने वाले यात्रियों कोे कोई दिक्कतेें हों। हम प्रतिदिन तीन चरणों की जांच के बाद ही रोप-वेे का संचालन शुरू करते हैं। सालभर में एक बार लोक निर्माण विभाग केे इंजीनियरोें की टीम भी इसका निरीक्षण करने के लिए आती है।
– पन्नालाल, मैनेजर, सीआरएस, सलकनपुर
वर्ष 2009 से रोप-वे का संचालन किया जा रहा है। रोप-वे का संचालन करने वाले कंपनी द्वारा यहां पर तकनीकी जांच के साथ-साथ समय-समय पर इसकी सर्विसिंग भी की जाती है। रोप-वे का बेहतर संचालन हो रहा हैै औैर यह यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा है।
– आरके दुबे, सचिव, सलकनपुर मंदिर समिति

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