jeevan mantra
-
धर्म
जीव परमेश्वर की परा शक्ति
जीव परमेश्वर की परा प्रकृति (शक्ति) है। अपरा शक्ति तो पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि तथा अहंकार जैसे…
-
धर्म
शिष्य बना प्रशंसा का पात्र
गंगा किनारे गुरु अभेंद्र का आश्रम था। एक बार देश में भीषण अकाल पड़ा। गुरु अभेंद्र ने संकटग्रस्तों की मदद…
-
धर्म
विवेक ही धर्म है
युग के आदि में मनुष्य भी जंगली था। जब से मनुष्य ने विकास करना शुरू किया, उसकी आवश्यकताएं बढ़ गई।…
-
धर्म
सफलता चाहिए तो पहले ये सीखें
किसी भी काम में लगन का अपना महत्व होता है, सफलता आपकी एकाग्रता पर ही निर्भर करती है। आप संसार…
-
धर्म
सच को छुपाने का परिणाम
एक बार की बात है। एक व्यक्ति का पुत्र कमाने के लिए विदेश गया। विदेश कमाने गए पुत्र ने अपने…
-
धर्म
सत्य की खोज अनंत
सत्य का अर्थ होता है, अनंत। सत्य की खोज का कोई अंत नहीं होता। यात्रा शुरू तो होती है, पर…
-
धर्म
दु:खी होने की बजाय दुख का उपचार करें
लोगों से अपने सुना होगा कि संसार में दु:ख ही दु:ख है। असफलता मिलने पर कई बार आप भी यही…
-
धर्म
दुखी चित्त के लक्षण हैं उत्सव
दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं- एक वे जो अपने को नया करने का राज खोज लेते हैं,…
-
धर्म
राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व
आर्थिक और सामाजिक असमानता राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है। उस असमानता का मूल है अहं और स्वार्थ। इसलिए…
-
धर्म
मन की शक्ति
मन को जीवन का केंद्रबिंदु कहना असंभव नहीं है। मनुष्य की क्रियाओं, आचरणों का प्रारंभ मन से ही होता है।…