फ्लाइट में इमरजेंसी की स्थिति में भारतीय मूल के डॉक्टर ने देवदून बना, दो यात्रियों की जान बचा ली
नई दिल्ली । डॉक्टर को धरती पर भगवान का स्वरूप सम्मान दिया जाता है। एक भारतीय मूल के डॉक्टर ने हाल में ही लंबी दूरी की फ्लाइट में इमरजेंसी की स्थिति में एक नहीं बल्कि दो यात्रियों की जान बचा ली है। बर्मिंघम में सलाहकार हेपेटोलॉजिस्ट डॉ.विश्वराज वेमाला एक फ्लाइट के दौरान इमरजेंसी केस के दौरान मसीहा बन सामने आए हैं। फ्लाइट के दौरान एक आपात स्थिति बनी जब फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक 43 वर्षीय यात्री को कार्डियक अरेस्ट आया और वहां विमान के गलियारे में ही गिर गया। हालांकि सौभाग्य से यात्री की जान बचाने के लिए फ्लाइट पर डॉक्टर वेमाला भी सफर कर रहे थे जिन्होंने आपातकाल की स्थिति में मदद का हाथ बढ़ाया। उन्होंने विमान में मौजूद प्राथमिक चिकित्सा किट और यात्रियों के पास उपलब्ध वस्तुओं से यात्री की दो बार जान बचाई और उन्हें नया जीवन दिया।
इस घटना के बाद खुद डॉ. वेमला ने कहा है कि ये ऐसी दुर्लभ घटना है जो उन्हें जीवन भर याद रहेगी। घटना का जिक्र कर हॉस्पिटल बर्मिंघम ने ट्वीट किया कि हमारे सलाहकार हेपेटोलॉजिस्ट में से एक डॉ. वेमाला ने एक यात्री की जान बचाई है। उन्हें यात्रा के दौरान फ्लाइट में ही दो बार कार्डियक अरेस्ट आया था।
जानकारी के मुताबिक डॉक्टर अपनी मां को बेंगलुरु ले जाने के लिए यूके से भारत की उड़ान पर थे। इसी बीच एक यात्री को कार्डियक अरेस्ट आया जिसकी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी। यात्री की हालत देखकर एयर इंडिया के स्टाफ ने डॉक्टर को मदद के लिए बुलाया। एक घंटे की मशक्कत के बाद यात्री को होश आया। बाद में डॉक्टर ने एयर इंडिया केबिन क्रू से मेडिकल किट मांगी और व्यक्ति का इलाज किया।
जानकारी के मुताबिक एक घंटे की मशक्कत के बाद यात्री को फिर से होश आया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जांच के लिए बोर्ड पर एकमात्र उपकरण ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रीलेटर और ऑक्सीजन था। वहीं अन्य यात्रियों के पास मौजूद ब्लड प्रेशर मशीन हार्ट रेट मॉनिटर ग्लूकोज मीटर पल्स मॉनीटर जैसे उपकरणों से पीड़ित यात्री की जान बचाई जा सकी। बयान में ये भी कहा गया कि उड़ान के दो घंटों के दौरान पीड़ित मरीज का ब्लड प्रेशर ठीक नहीं था केबिन क्रू के साथ मिलकर हम उन्हें कुल पांच घंटे तक जीवित रखने की कोशिश की गई। ये पूरा सफर और घटना काफी डरा देने वाली घटना थी। ये पूरा सफर और घटना केबिन क्रू डॉक्टर और सह यात्रियों के लिए भावनात्मक तौर पर भी काफी मुश्किल था। डॉ. वेमाला और एयर इंडिया के पायलट ने यात्री के बचने की संभावना को देखते हुए पाकिस्तान में निकटतम हवाई पट्टी पर उतरने की अनुमति भी मांगी थी लेकिन पाकिस्तान की ओर से उनकी मदद की गुहार को नहीं सुना गया। फ्लाइट को पाकिस्तान में उतरने की अनुमति नहीं दी गई जिसके बाद फ्लाइट को मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड किया गया।