OBC आरक्षण की गरमी से तपेगा शीत सत्र, सरकार को घेरेगी कांग्रेस
भोपाल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में खत्म हुए ओबीसी आरक्षण को लेकर तेज हुई प्रदेश की सियासत का असर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दिखाई देगा। सदन में विपक्ष इस मुद्दे को उठा सकता है। साथ ही सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में सही से पैरवी नहीं करने का आरोप लगाते हुए उसे घेरने का प्रयास करेगा।
सूत्रों की मानी जाए तो विधानसभा सत्र में कांग्रेस की ओर से अब पंचायत चुनाव में खत्म हुए ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सबसे बड़ा हो सकता है। दरअसल आरक्षण खत्म होने को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसके बाद से ही राज्यसभा सदस्य और पंचायत चुनाव में रोटेशन के आधार पर आरक्षण करने की याचिका पर पैरवी करने वाले विवेक तन्खा और याचिका लगाने वाले प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर सफाई दे रहे हैं कि उनकी याचिका ओबीसी का आरक्षण खत्म करने की नहीं थी। इस मुद्दे पर फिलहाल घिरती दिख रही कांग्रेस विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उछाल कर इस मामले में अपने पर लग रहे आरोपों से बचने का प्रयास करेगी।
ओबीसी आरक्षण को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह के निवास पर भी आज बीजेपी नेताओं की बैठक हुई है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा और ओबीसी वर्ग के नेता इस बैठक में शामिल हुए। भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी आरक्षण पर रोक के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
विवेक तन्खा ने कहा कि असत्य को सत्य बताकर ट्रोल आर्मी मेरे संबंध में कुछ कह रही है, जिसें में पूरी तरह से खारिज करता हूं। मैंने कोई याचिका नहीं लगाई। यह हर वर्ग की लड़ाई थी।