राजनीतिक

ओबीसी सीट पर बाद में चुनाव से खर्च 70 करोड़ से बढ़कर 140 करोड़ रुपए!

भोपाल
पंचायत चुनावों में 69839 ओबीसी सीट पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई रोक और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इन सीटों के चुनाव स्थगित किए जाने के बाद प्रदेश में होने वाला पंचायत चुनाव खर्च 70 करोड़ से बढ़कर 140 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। इतना ही नहीं ओमिक्रान की तीसरी लहर की आशंका के बीच कर्मचारियों को भी दोगुनी मेहनत करनी होगी और वोटर को भी एक ही काम के लिए दो बार वोट डालने के लिए घर से निकलना होगा। अभी जो अनुमान है, उसके मुताबिक हर ब्लॉक के जनप्रतिनिधि चुनने में राज्य निर्वाचन आयोग को औसतन 22.36 लाख रुपए खर्च करने होंगे जो डबल हो जाएंगे। अभी हो रहे इलेक्शन में हर वोटर पर राज्य निर्वाचन आयोग करीब 35 रुपए खर्च करेगा।

आयोग ने अकेले पेट्रोल और परिवहन पर 14 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया है। चुनाव में लगने वाले कर्मचारियों के मानदेय और सामग्री पर करीब 43.67 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा मतदान कार्य, मतगणना में लगे कर्मचारियों को भोजन कराने में ही 7 करोड़ रुपए खर्च हो जाएंगे। दोबारा वोटिंग पर यही खर्च रिपीट होंगे। इन चुनावों में सबसे ज्यादा रुपये खरगोन, बालाघाट, सागर, सतना और रीवा के पंचायत चुनाव में खर्च होंगे, जबकि निवाड़ी, अलीराजपुर, उमरिया, हरदा और बुरहानपुर में चुनाव का खर्च सबसे कम होगा।

अगर स्थगित सीटों पर चुनाव तीसरे चरण के पहले नहीं कराए गए तो दोबारा चुनाव कराने में 55 हजार से अधिक ईवीएम का दोबारा इस्तेमाल करना पड़ेगा। जिन ग्रापं, जनपद और जिला पंचायत क्षेत्र में ओबीसी रिजर्वेशन के चलते अभी चुनाव रोका गया है, वहां आयोग द्वारा घोषित तीनों ही चरणों में वोटिंग होगी। इसके बाद जब इन सीट के रिजर्वेशन की स्थिति री नोटिफाई होने के बाद साफ होगी और वहां चुनाव कराना होगा तो उसके लिए भी उतने ही मतदान दल और चुनावी अमले की तैनाती करनी होगी क्योंकि पद के दावेदार भले ही कम हो जाएं लेकिन अमला तो उतना ही लगेगा और वोट डालने सभी को जाना है, तभी इलेक्शन हो पाएंगे। इसी तरह सरपंच, जिला व जनपद सदस्य के लिए भी बनेगी। ऐसे में चुनावी खर्च उतना ही आएगा जितना अभी हो रहे चुनाव में खर्च होगा। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि स्थगित चुनाव कराए जाने पर वोटिंग प्रतिशत भी घटेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जिला पंचायत सदस्य के 155, जनपद पंचायत सदस्य के 1273, सरपंच के 4058 और पंच के 64 हजार 353 पद आरक्षित हैं।

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