धर्म

25 से नौतपा: शुरूआत में मिलेगी राहत, लेकिन जाते-जाते बढ़ेगी उमस

बहुत से लोग मानते हैं कि सूर्यदेव 22 मई सोमवार को सुबह 8.16 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तभी से नौतपा प्रारंभ हो जाएगा। सूर्य 2 जून, शुक्रवार की सुबह 6.40 बजे तक इसी नक्षत्र में रहेंगे।  25 मई को सूर्य देर रात करीब 4 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में गोचर जब सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन के लिए प्रवेश करते हैं तो उसकी शुरुआत के 9 दिन को नौतपा कहते हैं, क्योंकि इन शुरुआती 9 दिनों में धरती काफी तेज तपती है। विविध पंचांग एवं ज्योतिष पदम भूषण व स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषचार्य डॉ पं गणेश शर्मा के अनुसार सूर्यदेव 25 मई गुरुवार को रात्रि करीब 09 बजकर 12 मिनट को प्रवेश करेंगे। यानी पुष्य नक्षत्र के साक्ष में सर्वार्थसिद्धि योग के संयोग में सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करेंगे। इनके प्रवेश करते ही नौतपा प्रारंभ होगा।

समुद्र तट पर सूर्य का वास-

पं गणेश शर्मा ने बताया कि ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस बार रोहिणी नक्षत्र का निवास समुद्र के तट पर तथा वास रजक के यहां, वहीं वाहन सिचाणु रहेगा। अर्थात जब सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो उस समय उनका वास समुद्र तट पर होता है। समुद्र तट पर वास होने से यह माना जाता है कि वर्षा अच्छी होगी, क्योंकि तब समुद्र का जल वाष्प में बदलकर ऊपर जाकर बादल बनता है। नौतपा में यदि वर्षा नहीं होती है और यह अच्छे से तपता है तो अच्छी वर्षा होती है। ऐसे में फसल के भी अच्छे होने के संकेत मिलते हैं। इस वर्ष नौतपा के दौरान 25 एवं 26 मई का दिन सामान्य रहेगा। वहीं 27, 28, 29, 30 के दिन प्रचंड तेज हवा के साथ गर्मी देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही आगामी अंतिम 3 दिन 31 मई एवं 1 और 2 जून को तेज हवा के साथ उमस भरा मौसम रहने की संभावना है। नौतपा 25 मई 2023 ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ माह में प्रारंभ होगा, जो 2 जून 2023 तक चलेगा। नौतपा में प्रचंड गर्मी पड़ती है। सूर्य 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने लगता है। इन पंद्रह दिनों के पहले के 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती 9 दिनों को नौतपा कहते हैं।

नौतपा में क्यों इतनी गर्मी बढ़ जाती है-

– नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है, जो समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी से करके बादलों का निर्माण करती है। इससे मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं।

– नौतपा के कारण गर्मी बढ़ने लगती है। इस दौरान तापमान बेहद उच्च होता है। उत्तर भारत में गर्म हवाएं यानी लू चलने लगती है। नौतपा में नौ दिनों तक गर्मी अपने चरम पर होती है।

– प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु में नौतपा प्रारंभ होता है। इस बार नौतपा 25 मई से शुरू होगा। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगेगा।

– नौतपा का संबंध ज्योतिष से जुड़ा है। ज्योतिष की गणना के अनुसार, जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो नौतपा प्रारंभ हो जाता है। सूर्य इस नक्षत्र में नौ दिनों तक रहता है।

– ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं, जो शीतलता का कारक हैं, परंतु इस समय वे सूर्य के प्रभाव में आ जाते हैं। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है। मान्यता के अनुसार नौतपा का ज्योतिष के साथ-साथ पौराणिक महत्व भी है। ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा और देवता ब्रह्मा है।

– सूर्य ताप, तेज का प्रतीक है, जबकि चंद्र शीतलता का। चंद्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे वह उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है।

– जिस तरह कुंडली में सूर्य जिस ग्रह के साथ बैठ जाए वह ग्रह अस्त के समान हो जाता है, उसी तरह चंद्र के नक्षत्र में सूर्य के आ जाने से चंद्र के शीतल प्रभाव क्षीण हो जाते हैं। यानी पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती। इस कारण ताप अधिक बढ़ जाता है।

नौतपा का जितना महत्व ज्योतिष शास्त्र में है, उतना ही वैज्ञानिक भी इसे मान्य करते हैं।

– नौतपा के शुरुआती तीन दिनों में पहनावे और खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए। सूती वस्त्र धारण करना चाहिए, ताकि त्वचा संबंधी रोगों से बचा जा सकें।

– यह समय सूर्य का पापाक्रांत समय होता है। इस दौरान पेट से संबंधी बीमारियों के होने की आशंका अधिक होती है। हल्का भोजन लें और पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं। मौसम के हिसाब से होने वाली व्याधियों से बचने की जरूरत है। खाने-पीने का भी विशेष ध्यान रखें।

नौतपा को केवल ज्योतिष में ही मान्यता प्राप्त नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक भी इस तथ्य से वाकिफ रखते हैं। वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है। इस कारण तापमान बढ़ता है। नौतपा के 9 दिनों में अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है, साथ ही शरीर का ठंडक देने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।

डॉ. पं गणेश शर्मा ज्योतिषचार्य सीहोर 9229112381

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