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सीहोर: वाहवाही कराने वाली 30 करोड़ की एफडीआर तकनीक की सड़क अब करवा रही किरकिरी

- सीहोर से श्यामपुर तक बन रही सड़क एक माह भी नहीं टिकी, पहली ही बारिश में उखड़ी

सीहोर। सीहोर से श्यामपुर तक नई तकनीक एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) से बन रही सड़क एक माह भी नहीं टिक पाई। 30 करोड़ की लागत से बन रही यह सड़क अब किरकिरी भी करा रही है। दरअसल सीहोर से श्यामपुर तक करीब 24 किलोमीटर तक बन रही एफडीआर तकनीक की यह मध्यप्रदेश की पहली सड़क है। इस सड़क को लेकर उत्साह भी है, लेकिन पहली ही बारिश में निर्माणाधीन ये सड़क उखड़ गई है। जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ था तो इस एफडीआर तकनीक की सड़क को लेकर जमकर चर्चाएं भी थीं। हालांकि अब इसके उखड़ने की चर्चाएं भी आग की तरह फैल गई है।
मध्यप्रदेश की पहली एफडीआर तकनीक से बन रही सीहोर-श्यामपुर सड़क को लेकर अब राजनीति भी गरमा गई है। यह सड़क 24.30 किमी की है और करीब 30 करोड़ रूपए की लागत से इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है। सड़क निर्माण कराने वाली एजेंसी एमपीआरडीसी है और इसका निर्माण करने वाली कंपनी चंडीगढ़ की गर्ग संस ई-स्टेट प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड है। सड़क निर्माण को अभी करीब एक माह भी नहीं हुआ है और सड़क उखड़ने लगी है। इससे यह तो साफ है कि इस सड़क के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी हुई है।

निर्माण करने वाले ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज हो: जसपाल अरोरा
इस सड़क निर्माण को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने सवाल उठाए हैं। श्री अरोरा ने कहा है कि ऐसी कौन सी नई तकनीक से सड़क बन रही थी, जो एक माह भी नहीं टिक सकी है। अभी तो इस सड़क का काम भी पूरा नहीं हुआ है और पहली ही बारिश से सड़क उखड़ गई है। भाजपा नेता जसपाल सिंह अरोरा ने कहा है कि इस 30 करोड़ की सड़क में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, कमीशनखोरी हुई है। इशारों ही इशारों में उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी के जिम्मेदारों पर भी इसका आरोप लगाया है। श्री अरोरा ने मुख्यमंत्री, पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं कलेक्टर से सड़क निर्माण करनेे वाले ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेशभर में जीरो टॉलरेंस करने की कवायद में जुटे हुए हैं। खुद 18-18 घंटे काम कर रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनानेे के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। ऐसे में उनके गृह जिले सीहोर में इस तरह का भ्रष्टाचार होना कहीं न कहीं मुख्यमंत्री के मंसूबों पर पनी फेरना है, इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की अपील भी की है। श्री अरोरा ने कहा है कि यदि प्रशासन एवं जिम्मेदार ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं करेंगे, एफआईआर नहीं करेंगे तोे वे इस मामले को लेकर धरने पर बैठेंगे।

कांग्रेस ने दिया धरना, किया प्रदर्शन-
इधर कांग्रेस ने सीहोर-श्यामपुर सड़क को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। दरअसल प्रदेशभर सहित सीहोर जिला मुख्यालय पर भी कांग्रेस का भाजपा सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन था। कांग्रेसियों ने एकत्रित होकर पहले सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्हें सड़क उखड़ने की सूचना मिली तो सभी कांग्रेसी वहां भी पहुंच गए और उस उखड़ी हुई सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कांग्रेसियों ने कहा कि यह नई तकनीक की भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी की सड़क है। इस सड़क निर्माण में जमकर धांधली की गई है। इसकोे लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना, युवा नेता राजीव गुजराती सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

क्या होती है एफडीआर तकनीक-
एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) एक रिसाइकिलिंग तकनीक है। सड़क के खराब मटैरियल को ही कैमिकल व आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटैरियल तैयार किया जाता है। उसे सड़क पर बिछाया जाता है। उस पर फैब्रिक कपड़े को बिछाया जाता है, ताकि वह माईश्चराइजर्स को सोख सके। इस तकनीक से निर्माण लागत आधी हो जाती है। एफडीआर तकनीक से एक किमी सड़क करीब एक करोड़ 25 लाख की बनती है तो वहीं सामान्य सड़क एक किलोमीटर की करीब ढाई करोड़ रूपए में तैैयार होती है। एफडीआर तकनीक से लागत आधी हो जाती है।

15 जगह बनाए गए जंक्शन, 10 से 30 मीटर तक की एप्रोच रोड-
सीहोर-श्यामपुर के बीच 24.30 किमी लंबी और 6 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया है। सड़क के निर्माण में करीब 29 करोड़ रुपए की खर्च किए गए हैं। इसे चंडीगढ़ की गर्ग संस ई-स्टेट प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया बनाया गया है। ये सड़क फुल डेप्थ रिक्लेमेशन यानि एफडीआर तकनीक से तैयार की गई है। इस तकनीक से बनने वाली यह प्रदेश की पहली सड़क है। 24.30 किमी की इस सड़क पर 15 जगह जंक्शन बनाए गए हैं। इसके लिए आसपास के गांवों की ओर जाने वाले रास्तों पर 10 से 30 मीटर तक की एप्रोच रोड बनाई जा रही है। एप्रोच रोड के बनने के बाद सड़कों के ज्वाइंट पर ऊंची-नीची होने वाली सड़क को लेवल में लिया जाएगा, जिससे कि वाहन चालकों को इस सड़क पर अपने वाहन को चढ़ाते समय हादसे का डर न रहे।

इन गांवों को मिलेगा लाभ-
सीहोर-श्यामपुर रोड पर निवारिया जोड़, सिराड़ी मिततूखेड़ी जोड़, मूंजखेड़ा जोड़, खजुरिया बंगला, बैरागढ़ गणेश जोड़, खंडवा जोड़, कचनारिया रोड, मगरखेड़ा रोड, शेखपुरा जोड़, निपानिया जोड़, मानपुरा जोड़, रोला जोड़, दुपाड़िया जोड़, राजूखेड़ी जोड़, बिजोरी जोड़ आदि गांवों की ओर जाने वाले रास्तों पर जंक्शन बनाए जा चुके हैं। इससे कई गांवों के लोगों को फायदा मिलेगा। 24.30 किमी की सड़क पर कई जगह जंक्शन बनाए गए हैं। इसमें कहीं पर 10 मीटर, 20 और कहीं पर 30 मीटर तक की एप्रोच रोड बनाई गई है, ताकि प्रधानमंत्री सड़क से इस सड़क पर लगते समय होने वाले हादसों में कमी आ सके।
हादसों में आएगी कमी

इनका कहना है-
सीहोर से श्यामपुर तक 24 किमी सड़क का निर्माण एफडीआर तकनीक से कराया जा रहा है। अभी सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। जो सड़क उखड़ी है वह पुलिया की एप्रोच रोड थी। उस पर डामर कर दिया था, लेकिन बरसात में वह उखड़ गई है। फिलहाल उसे खोद दिया गया है और वहां पर फिर से सड़क बनाई जाएगी।
– मो. रिजवी हासिब, जिला प्रबंधक, एमपीआरडीसी, सीहोर

 

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