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सुबह गायों को घेरकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, रात को जत्थे के जत्थे हुए वापस, अब किसानों की आफत, इधर सीहोर में 19 गायों में मिली लंपी

रेहटी। गौ रक्षा ग्रुप रेहटी एवं श्रीकृष्ण गौ गोपाल समिति सहित अन्य गौ सेवकों ने गाय घेरो अभियान के तहत 13 जुलाई को गायों को घेरकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, लेकिन रात में गायों के जत्थे वापस होने लगे। इनके कारण जहां मुख्य मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति बनी तो वहीं दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बरकरार रही। अब गायों के जत्थों की वापसी से किसानों की आफत बढ़ गई है। ये आवारा पशु अब किसानों के खेतों में घूसकर उनकी फसलों को बरबाद कर रहे हैं। फिलहाल तो इन गायों के जत्थे देलावाड़ी के जंगलों से वापस होकर रेहटी नगर तक पहुंच गए हैं और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इधर सीहोर में 19 गायों में लंपी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। इन गायों का टीकाकरण किया गया है।

गौ रक्षा ग्रुप एवं गौ सेवकों ने सड़कों पर घूमती आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए 13 जुलाई को गाय घेरों अभियान चलाया। इस अभियान के तहत सीहोर जिले की रेहटी, भैरूंदा तहसील के गांवों से आवारा पशुओं को घेरकर देलावाड़ी के जंगल में पहुंचाने के लिए जत्थे के जत्थे रवाना हुए। इन जत्थों को घेरने का क्रम 12 जुलाई की रात से ही शुरू हो गया, जो कि 13 जुलाई को दिनभर चलता रहा। गौ सेवकों को उम्मीद थी कि 3 से 4 हजार आवारा पशु होंगे, लेकिन जब इन आवारा पशुओं के घेरने का क्रम शुरू हुआ तो इनकी संख्या लगभग 20 हजार के आसपास पहुंच गई। दिनभर गायों के जत्थे निकलते रहे। इसके चलते सड़कों पर बार-बार जाम की स्थिति बनती गई। सड़कों पर चल रहे वाहन रैंगते-रैंगते चले। लोगों को गाड़ियां चलाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दिन में इन गायों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, लेकिन रात में इन गायों के जत्थे वापस रवाना होने लगे। 100-200 गायों के जत्थे वापस हुए तो फिर से जाम की स्थिति बनने लगी। इसके कारण किसानों की ज्यादा आफत हो गई। दरअसल इस समय किसानों के खेतों में धान, सोयाबीन, मक्का की फसलें लगी हुर्इं हैं और अब ये गायें किसानों के खेतों में घुसकर उनकी फसलों को बरबाद कर रही हैं।

कांग्रेस ने उठाया सवाल, दर्ज हो एफआईआर-

गौवंश को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई। गौ भक्तों की फेल हुई मुहिम के कारण अब किसानों की आफत भी हो गई है। इसको लेकर कांग्रेस नेता अर्जुन शर्मा निक्की ने सवाल उठाया है कि बिना तैयारी के  इतनी बड़ी संख्या में गायों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचाया जा सकता है। यदि गौ सेवकों को यह अभियान चलाना था तो इसकी पहले तैयारी करनी थी, लेकिन बिना तैयारी के ही गायों को घेरकर जंगलों में छोड़ने चल दिए और अब ये गायें वापस होकर किसानों की फसलों को बरबाद कर रही है। इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जिन्होंने ये मुहिम चलाई है उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।

इधर सीहोर में 19 पशु लंपी बीमारी से संक्रमित पाए गए –

पशुओं में लम्पी रिकन डिसीज का प्रकोप प्रारम्भ हो गया है। सीहोर नगरपालिका क्षेत्र में 19 पशु लंपी बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। बीमारी की रोकथाम के लिए बीमार पशुओं का उपचार किया जा रहा है तथा स्वस्थ पशुओं में टीकाकरण किया जा रहा है। कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर सीहोर नगरपालिका क्षेत्र में तीन दिवसीय टीकाकरण अभियान चलाया गया है। इसके लिए सीहोर जिले के अन्य विकासखंड से पशु चिकित्सकों एवं पेरावेट की सेवाएं ली जा रही हैं। पहले दिन टीकाकरण का कार्य सुबह 10 बजे प्रारम्भ किया गया। बीच में वर्षा के कारण टीकाकरण कार्य अवरुद्ध रहने के बाद शाम 5 बजे तक 594 पशुओं का टीकाकरण किया गया। टीकाकरण में 102 निराश्रित पशु है, जो सड़क पर पाए गए। यह अभियान 15 जुलाई तक चलेगा, जिसमें सीहोर नगरपालिका के शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। नागरिकों को सलाह दी जा रही है की वे अपने पालतू पशुओं को सड़क पर न छोड़े। उन्हें अपने घर पर ही बांधे अन्यथा उन्हें निराश्रित समझकर गौशालाओं में भेज दिया जाएगा। यह अभियान पशुपालन विभाग, नगरपालिका एवं जिला प्रशासन के सहयोग से चलाया जा रहा है। भैरूंदा नगर परिषद क्षेत्र में 800 पशुओं में टीकाकरण किया गया।

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