दिल्ली के त्रिलोकीपुरी इलाके में मिले दो संदिग्ध बैग
नई दिल्ली। दिल्ली के त्रिलोकीपुरी इलाके में दो संदिग्ध बैग मिलने का मामला सामने आया है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और पड़ताल शुरू की। इससे पहले 14 जनवरी को गाजीपुर फूल मंडी में भी आईईडी बरामद हुई थी, जिसे विस्फोट के जरिये निष्क्रिय कर दिया गया था। मंडी में यह विस्फोटक किसने रखा, इसकी पड़ताल जारी है। हालांकि अभी तक आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है।
त्रिलोकीपुरी में जिस जगह पर ये संदिग्ध बैग मिले, वो एरिया राजपथ से 10 किलोमीटर है। यहां गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां चल रही हैं। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर पूरी दिल्ली में हाईअलर्ट है। जगह-जगह पर पुलिस तैनात है। संदिग्ध वाहनों की तलाशी ली जा रही है, बावजूद कोई बैग रख गया और किसी को पता तक नहीं चला। जहां से ये बैग मिले हैं, वहां मेट्रो स्टेशन का काम चल रहा है।
दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर मंडी में बम रखने के संबंध में अल-कायदा से संबद्ध इस्लामी आतंकवादी समूह अंसार गजवात-उल-हिंद के दावों को फर्जी पाया था। दिल्ली पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते के विशेष प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे अभी भी जांच कर रहे हैं कि कौन सा समूह आतंकवादी हमले के प्रयास के लिए जिम्मेदार है। दरअसल 14 जनवरी की सुबह करीब साढ़े दस बजे गाजीपुर फूल बाजार से विस्फोटकों से भरा बैग बरामद किया गया था, जिसके बाद पूरे बाजार को खाली करा दिया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने आईईडी को निष्क्रिय किया था। एनएसजी ने पुष्टि की कि आरडीएक्स और अमोनिया नाइट्रेट के मिश्रण को परिष्कृत उपकरण से जोड़कर विस्फोट बनाया गया था।
आतंकवादी संगठन की नहीं हुई है पहचान
दिल्ली पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि इस प्रयास के लिए जिम्मेदार किसी भी आतंकवादी संगठन की स्पष्ट रूप से पहचान नहीं हो पाई है। सोशल मीडिया निगरानी के दौरान हमें अंसार गजवात-उल-हिंद के साथ एक पत्र मिला है, जिसमें हमले के प्रयास की जिम्मेदारी ली गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह समूह अपेक्षाकृत नया संगठन है। हमें अब तक नोट का कोई प्रामाणिक स्रोत नहीं मिला है। पत्र में यह लिखा गया है कि कुछ तकनीकी चूक के कारण धमाका नहीं हुआ, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगली बार भी ऐसा ही होगा। पत्र में कहा गया है कि हमने अपना बेस भारत के राज्य में बना लिया है। हम भारत के खिलाफ ताकत से लड़ेंगे। कश्मीर पुलिस सोचती है कि हमारे कुछ मुजाहिद भाइयों को पकड़कर उन्होंने सरप्राइज दिया है। मगर हम उनसे कहना चाहते हैं कि अपनी जिंदगी बचाओ।
गुमराह करने की हो सकती है कोशिश
पुलिस का कहना है कि यह जांच को गुमराह करने की कोशिश हो सकती है। आतंकी संगठन के दावे की केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही है। आतंकी संगठन ने दावा एक एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म के माध्यम से किया है। ऐसे में मैसेज के स्त्रोत के बारे में पता लगाना मुश्किल हो रहा है।