भोपालमध्य प्रदेश

महिलाओं की समस्याएं महिला पुलिस अधिकारी ही सुनेंगी, 300 और थानों में शुरू होगी ऊर्जा डेस्क

भोपाल
महिलाओं की समस्याएं अब एक हजार थानों में महिला पुलिस अधिकारी ही सुनेंगी, इसके लिए जिले के थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क ( Urja help desk ) की संख्या बढ़ाई जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। जहां से केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव जा चुका है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो प्रदेश में लगभग डेढ़ सौ थाने ही बिना ऊर्जा डेस्क के बचेंगे।

पुलिस मुख्यालय धीरे-धीरे कर प्रदेश के सभी थानों में महिला ऊर्जा डेस्क बनाने की तैयारी में हैं। इसके चलते अब तीन सौ और थानों में ऊर्जा डेस्क बनाने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने तैयार कर केंद्र को भेजा है। इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद प्रदेश में एक हजार थानों में महिला ऊर्जा डेस्क हो जाएगी। पुलिस मुख्यालय को उम्मीद है कि केंद्र से यह प्रस्ताव जल्द मंजूर हो जाएगा और वहां से इस योजना के लिए राशि भी अगले वित्तीय बजट में प्रदेश को मिल जाएगी।

महिला पुलिस अधिकारी ही महिलाओं की समस्याएं सुनकर निराकरण करती है। जहां भी बल की जरूरत पड़ती है, उसे ऊर्जा डेस्क के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। जिन थाने में यह हेल्प डेस्क है, वहां के पुलिस अधिकारी का मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किया जाता है। महिलाओं की तत्काल सुनवाई को लेकर 24 घंटे हेल्प डेस्क खुली रहती है। चिहिन्त थानों में अलग से एक कक्ष बनाया गया है, जहां शिकायत लेकर आने वाली महिला, युवती एवं किशोरियों की सुनवाई के लिए बेहतर वातावरण निर्मित किया गया है।

इनके बैठने की अलग व्यवस्था है। इन सबके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप से बजट दिया था। प्रदेश में 31 मार्च से 700 थानों में यह व्यवस्था चल रही है। प्रत्येक जिले में महिला डेस्क के नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अफसर रहते हैं तथा थाना प्रभारी के नियंत्रण में डेस्क का संचालन महिला उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक द्वारा किया जाता है।

इनका कहना
महिला ऊर्जा डेस्क वाले थानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। हमने तीन सौ और थानों में महिला ऊर्जा डेस्क स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो प्रदेश में एक हजार थानों में ऊर्जा डेस्क हो जाएगी।
प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, एडीजी महिला अपराध

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