सीहोर। सीहोर जिले के गांव-गांव में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में किराना दुकानों से लेकर कई घरों से इसका कारोबार बेरोकटोक जारी है। यह अवैध शराब का कारोबार बेहद हाईप्रोफाइल तरीके से चलाया जा रहा है। इसमें जहां कई भाजपा के नेताओं की मिलीभगत है तो वहीं आबकारी विभाग भी इसमें मोटी रकम लेकर अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चलवा रहा है। यही कारण है कि आबकारी विभाग द्वारा ऐसी धड़पकड़ कहीं नहीं की जा रही है। कार्रवाई के नाम पर देशी महुआ जप्त करके उसे नष्ट करवा दी जाती है।
पिछले दिनों भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा सीहोर विधायक सुदेश राय पर आरोप लगाया गया था कि सीहोर विधानसभा क्षेत्र के गांव खजुरिया कला में उनकी अवैध शराब की दुकान संचालित हो रही है। इसके बाद से लगातार इस मामले में जहां राजनीति शुरू हो गई है तो वहीं सांसद और विधायक भी आमने सामने हैं। हालांकि सीहोर जिले में यह भी सर्वविदित है कि जिलेभर में शराब का कारोबार राय परिवार द्वारा ही संचालित किया जाता है। विधायक सुदेश राय के भाइयों द्वारा जिलेभर में शराब की दुकानें संचालित की जा रही है। यह कार्य राय परिवार द्वारा वर्षों से किया जा रहा है। अब तो स्थिति यह है कि गांव-गांव में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से संचालित कराया जा रहा है। सीहोर जिले के कई गांवों में स्थिति यह है कि किराना दुकानों पर भी अवैध शराब बेची जा रही है। कई लोग अपने घरों से अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। कई बार पुलिस द्वारा इनके पास से अवैध शराब भी जप्त करती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में उपर से लेकर नीचे तक सबकी मिलीभगत से जमकर अवैध शराब का कारोबार चलाया जा रहा है।
अवैध शराब करवा रही घरों में झगड़ा-
सीहोर जिले में चल रहे अवैध शराब के कारोबार के कारण आए दिन घरों में लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं। गांव-गांव में आसानी से अवैध शराब उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके कारण गांवों के युवा एवं लोगों को आसानी से शराब मिल जाती है और वे इसका सेवन करके अपने घरों में लड़ाई-झगड़ा करते हैं। इस अवैध शराब के कारण आए दिन लोगों की मौत भी हो रही है। कई लोग अवैध शराब के कारण मौत के मुंह में समां रहे हैं।
सरकारी खजाने को लगाई जा रही चपत-
गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री करवाकर जहां सरकारी खजाने को चपत लगाई जा रही है, वहीं शराब कारोबारी मोटी रकम कमा रहे हैं। अवैध शराब की बिक्री तेजी से बढ़ी है। हर माह लाखों, करोड़ों का चूना सरकारी खजाने को लगाकर अवैध शराब कारोबारी अपनी झोलियां भर रहे हैं।