सीहोर। एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार जिस क्षेत्र को नया टाईगर रिजर्व बनाने की कवायद कर रही है तो दूसरी तरफ उसी क्षेत्र में बाघ के मरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। दरअसल सरकार ने हाल ही में रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को नया टाइगर रिजर्व बनाने की बात कही है, लेकिन अब उसी इलाके में एक टाइगर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई, वहीं दो छोटे शवक घायल हो गए। उपचार के लिए भोपाल से वन विभाग ने एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम को बुलाया है।
जानकारी के अनुसार जिले के बुधनी इलाके में ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौत हो गई, वहीं दो छोटे शावक घायल हो गए। यह घटना मिडघाट की पहाड़ी के पास स्थित नाले की है, जहां सोमवार को टाइगर का शव पड़ा मिला था। घटना की सूचना पर वन विभाग मामले की जांच कर रहा है। हालांकि यह हादसा किस ट्रेन से हुआ है, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। वन विभाग की टीम इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। डीएफओ एमएस डाबर ने बताया कि ट्रेन की चपेट में आने से एक बाघ की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि दो छोटे शावक घायल हैं।
वन विभाग में मचा हडक़ंप –
बाघ की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग में हडक़ंप मच गया। विभाग की टीम, डॉक्टर, रेस्क्यू और रेंजर आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। टीम ने बाघ का शव लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, जबकि डॉक्टरों ने घायल टाइगरों का इलाज शुरू कर दिया। यह क्षेत्र रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आता है। यहां के जंगली जानवर लगातार रेल हादसों का शिकार बन रहे हैं। बता दें कि वन्य जीवों को इस तरह की मौत से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने ट्रेन के ट्रैक किनारे फेंसिंग लगाने का फैसला किया था, लेकिन, यह काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
रातापानी में 3000 से ज्यादा वन्य प्राणी –
प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व रातापानी होगा। मोहन सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए 13 साल पहले यानी साल 2011 में ही सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। बाघ, तेंदुआ समेत 3 हजार से ज्यादा वन्य प्राणियों वाला रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। रातापानी अभ्यारण्य तीन जिलों भोपाल, सीहोर एवं रायसेन-औबेदुल्लागंज के वनमंडलों में आता है। यहां वर्तमान में करीब 56 बाघ विचरण कर रहे हैं। इसे टाइगर रिजर्व बनाने के लिए वन विभाग लंबे समय से प्रयास कर रहा था।
ट्रेन की चपेट में पहले भी आए हैं कई जंगली जानवर-
औबेदुल्लागंज से बुधनी के बीच के जंगल में कई बार ट्रेन के सामने आने से जंगली जानवरों की मौतें हुई हैं। इनमें बाघ, गायें सहित कई अन्य जंगली जानवर हैं। पिछले दिनों ट्रेन की चपेट में आने से कई गायों की मौतें भी यहां पर हुई थीं।