किसान की बेटी ने डॉक्टर बनकर किया परिवार एवं गांव का नाम रोशन
- पिछले दिनों प्राप्त की एमबीबीएस की डिग्री
सीहोर। कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो… इस कहावत को चरितार्थ करके दिखाया है सीहोर जिले के किसान परिवार की बेटी डॉ. सिमरन पटेल ने, जिन्होंने डॉक्टर बनकर अपने परिवार, गांव के साथ ही सीहोर जिले का भी नाम रोशन किया है। पिछले दिनों डॉ. सिमरन पटेल को एमबीबीएस की डिग्री भी प्रदान कर दी गई है।
सीहोर जिले की बेटियां चाहे पढ़ाई हो या खेलकूद हो, हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है डॉ. सिमरन पटेल का, जिन्होंने राजधानी में एमबीबीएस की पढ़ाई करके सीहोर जिले का नाम रोशन किया है। डॉ. सिमरन पटेल सीहोर जिले की रेहटी तहसील की ग्राम पंचायत कलवाना की निवासी हैं। उनके पिता विजय पटेल एवं दादाजी महेश पटेल खेती करते हैं तो वहीं चाचा अजय पटेल ग्राम पंचायत के सरपंच होने के साथ-साथ खेती-बाड़ी में भी हाथ बंटाते हैं। डॉ. सिमरन पटेल के पिता विजय पटेल बताते हैं कि सिमरन बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में होशियार थी। उसका सपना था कि वह डॉक्टर बनकर परिवार, गांव, जिला एवं प्रदेश का नाम रोशन करने के साथ ही सेवा भी करे। बचपन से सेवाभाव करने का जुनून था और प्रोफेशन भी ऐसा ही चुना, जिसमें समाजसेवा भी कर सके। बेटी की उपलब्धि पर घर में खुशी का माहौल है तो वहीं परिजनों का सीना भी बेटी की सफलता से फूला हुआ है। सिमरन बेहद सादगीपूर्ण जीवन में विश्वास रखती हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय परिजनों को देती हैं, जिन्होंने उसे सपना पूरा करने के लिए पूरी आजादी दी। डॉ. सिमरन पटेल की प्रारंभिक पढ़ाई तो गांव के साथ भैरूंदा के स्कूल में हुई, लेकिन वह एमबीबीएस की तैयारी के लिए कोटा में रहीं और वहां पर जमकर तैयारी की। इसके बाद डॉ. सिमरन पटेल ने राजधानी से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की।
परिवार के साथ गांव में भी खुशी का माहौल –
डॉ. सिमरन पटेल की उपलब्धि पर सिर्फ घर-परिवार में ही खुशी का माहौल नहीं है, बल्कि पूरे गांव एवं समाज में भी बेटी की सफलता पर खुशी का माहौल है। ग्रामीण कहते हैं कि हमारे गांव की बेटी सिमरन पटेल ने जो उपलब्धि हासिल की है वह हम सबके लिए गर्व करने वाली हैै। अब तक गांव से कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं बना, लेकिन गांव की बेटी ने यह करके दिखाया है और हम सब इसके लिए अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।