सिस्टम पर भारी ’अवैध लकड़ी माफिया’, नहीं रूक रही जंगलों की कटाई, हो रही धरपकड़
- रेहटी, लाड़कुई वन परिक्षेत्र के अमले ने की सागौन की सिल्लियां जप्त, रेहटी वन विभाग के अधिकारियों एवं टीम ने की आरा मशीनों व फर्नीचर मार्ट की जांच
सुमित शर्मा, सीहोर।
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वन विभाग के तमाम दावों, प्रयासों को ठेंगा एवं धत्ता बताते हुए अवैध वन माफिया जंगलों को काटने में लगा हुआ है। सीहोर जिलेभर में हर तरफ से वनों की अवैध कटाई की जा रही है। रातभर अवैध लकड़ी माफिया वनों को काटने में लगा रहता है। यही कारण है कि वन विभाग की लगातार कार्रवाई के दौरान अवैध लकड़ी की धरपकड़ भी हो रही है। इसी कड़ी में वन मंडलाधिकारी सीहोर एमएस डाबर के निर्देशन एवं रेहटी वन परिक्षेत्र अधिकारी रीतु तिवारी के मार्गदर्शन में रेहटी वन परिक्षेत्र की टीम ने बायां-वीवदा मार्ग से टैक्टर-टॉली सहित 20 नग सागौन चरपट की जप्त की है। वन विभाग की टीम द्वारा जप्त सामग्री की कीमत करीब 6 लाख 62 हजार रूपए बताई जा रही है। दरअसल मुखबिर से रेहटी वन परिक्षेत्र अधिकारी को सूचना मिली थी कि बायां-वीवदा मार्ग से अवैध लकड़ी ले जाने की योजना है। इसके बाद टीम गठित की गई, जिसका नेतृत्व उपवन परिक्षेत्र अधिकारी हरीशचंद्र माहेश्वरी ने किया। टीम में निदेश धुर्वे, एसके शर्मा, इंद्रजीत सिंह, नवीन कुमार, अंकित कुमार, आनंद ठाकुर, रघुवीर सिंह, लालजी शर्मा, महेंद्र मीणा सहित सुरक्षा श्रमिकों को भी शामिल किया गया। इसके बाद टीम ने मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर जाकर मोर्चा संभाला। इसी दौरान रात में बायां-वीवदा मार्ग से एक ट्रेक्टर-ट्रॉली आई, जिसे टीम ने रोककर उसकी जांच की। ट्रेक्टर-ट्रॉली में 20 नग सागौन चरपट के मिले, लेकिन इस दौरान ट्रेक्टर चालक मौके का फायदा उठाकर मक्के के खेत से निकलकर भाग गया। वन अमले ने ट्रेक्टर-ट्रॉली सहित 20 नग सागौत चरपट के जप्त कर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
लाड़कुई वन परिक्षेत्र की कार्रवाई, पकड़ाई 72 नग चरपट, कीमत 2 लाख 70 हजार –
अवैध लकड़ी माफिया की धरपकड़ के दौरान लाड़कुई वन परिक्षेत्र की टीम ने भी 72 नग सागौन की सिल्लियों के पकड़े हैं। इनकी कीमत करीब 2 लाख 70 हजार रूपए बताई जा रही है। यह सागौन की सिल्लियां रामनगर, निम्नागांव से बोरखेड़ा कला मुख्य मार्ग से डेढ़ सौ मीटर अंदर मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर एक किसान के खेत में बने टप्पर के पास हरी नेट से ढकी हुई थी। वन विभाग की टीम ने इन्हें जप्त किया एवं एक आरोपी को पकड़ा है। लाड़कुई वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाशचंद उइके ने बताया कि गत दिवस मुखबिर की सूचना पर सुबह 5 बजे निम्नागांव, रामनगर से बोरखेड़ा कला मार्ग के बीच में किसी किसान के खेत में अवैध रूप से सागौन चरपट छुपाकर रखने की सूचना प्राप्त हुई थी। सूचना मिलते ही टीम गठित कर रामनगर, निम्नागांव से बोरखेड़ा कला मार्ग पर अमले ने रात्रि 1 से 5 बजे तक निगरानी की। इस दौरान कोई भी संदिग्ध व्यक्ति तथा वाहन स्टाफ को नजर नहीं आया। इसके बाद वन अमला अवैध रूप से रखी सागौन चरपट की सर्चिंग हेतु मुख्य मार्ग से डेढ़ सौ मीटर अंदर मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंची। यहां पर सर्चिंग के दौरान खेत में बने टप्पर के पास में सागौन चरपट हरे नेट से ढकी मिली। इसके बाद वन अमले द्वारा टप्पर में आवाज लगाने पर एक व्यक्ति बाहर निकलकर आया, जिसने पूछताछ पर अपना नाम कैलाश पिता प्रेमसिंह निवासी भिलाई बताया और कहा कि वह खेत की रखवाली करने के लिए यहां रहता है। खेत मालिक लक्ष्मीनारायण पवार पिता भाईलाल पवार निवासी भैरूंदा है। कैलाश ने बताया कि यह लकड़ी नफीस मंसूरी आत्मज स्माइल मंसूरी निवासी भैरूंदा द्वारा यहां पर लाकर रखी गई है। बताया जा रहा है कि नफीस मंसूरी पत्रकार भी हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाशचन्द उईके ने बताया कि मौके से जप्त सागौन की सिल्लियां को शासकीय वाहन बोलेरो पिकअप एवं निजी ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर रेंज प्रांगण लाड़कुई लाया गया। यहां पर खेत मालिक लक्ष्मी नारायण पवार की उपस्थिति में सिल्लियां की नपती कर सूची बनाई गई, जिसके आधार पर 72 नग 5.247 घन मीटर पाई गई। उक्त वनोपज को जप्त कर जप्ती की कार्रवाई की गई है, जिसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रूपए है। वन विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराओं के तहत वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है। इस कार्रवाई में वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाशचन्द उइके, देवीसिंह भावर, शरद रंजन, राजेश शुक्ला, अमर सिंह रावत, श्याम सुंदर राजपूत, राहुल परमार, यशवंत गोयल, अरुण पेठारी, सहित अन्य अमले की सराहनीय भूमिका रही।
वीडियो वायरल हुआ, अधिकारियों ने की जांच, नहीं आई किसी पर भी आंच –
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मोटरसाइकिलों से सागौन की सिल्लियों को ले जाते हुए कुछ लोग दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि यह वीडियो रेहटी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चकल्दी गांव का है। इसके बाद वन विभाग की टीम हरकत में आई एवं बुधनी एवं रेहटी के वन अधिकारियों के साथ ही टीम ने रेहटी एवं वन परिक्षेत्र के अंतर्गत चल रहे फर्नीचर मार्ट की जांच की तो यहां पर किसी भी प्रकार की अवैध लकड़ी नहीं पाई गई। बुधनी एसडीओ सुकृति ओसवाल व रेहटी वन परिक्षेत्र अधिकारी रीतु तिवारी के साथ ही वन विभाग का अन्य अमला रेहटी में संचालित आरा मशीनों के साथ ही आसपास के फर्नीचर मार्ट में भी पहुंचा एवं वहां पर जांच की। इस दौरान वहां पर अधिकारियों एवं टीम को किसी भी प्रकार की अवैध लकड़ी नहीं मिली। अधिकारियों ने आरा मशीन संचालकों से भी चर्चा की। दरअसल चकल्दी के आसपास के जंगलों से बड़ी संख्या में अवैध वन माफिया लकड़ी की कटाई करने में जुटा हुआ है। रातभर सागौन की सिल्लियों को यहां से मोटरसाइकिल सहित अन्य वाहनों से ढोया जाता है। इसके बाद ये लकड़ी आसपास की आरा मशीनों एवं अन्य स्थानों पर पहुंचाई जाती है। यह खेल लंबे समय से जारी है। कई बार यहां के ग्रामीणों ने रात में ये वीडियो बनाए। सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए। अब एक बार फिर से इसी तरह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद विभाग के अधिकारियों एवं टीम ने स्थिति का पता लगाने के लिए रेहटी की आरा मशीनों एवं संचालित हो रहे फर्नीचर मार्ट में जाकर जांच की है। हालांकि इस जांच में किसी पर भी कोई आंच नहीं आई है। रेहटी वन परिक्षेत्र अधिकारी रीतु तिवारी ने बताया कि अवैध लकड़ी माफिया के खिलाफ विभाग की लगातार कार्रवाई चल रही है। वन विभाग की टीम लकड़ी माफियाओं की धरपकड़ करके उनके कब्जे से लकड़ी भी बरामद कर रही है। पिछले दिनों आरा मशीनों एवं फर्नीचर मार्ट पर भी जांच की है। यहां पर ऐसी अवैध लकड़ियां नहीं पाई गईं।