सीहोर। जिले के बुधनी विधानसभा में इस समय वन विभाग और बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव के साथ में भाजपा आमने-सामने है। यह स्थिति आदिवासियों के हक को लेकर बनी है। दरअसल वन विभाग के अमले द्वारा बुधनी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम यारनगर में पिछले करीब 7 दिनों से आदिवासियों की जमीनों की जांच की जा रही है। इस कार्रवाई से आदिवासी डरे-सहमे हुए थे। यारनगर में आदिवासी वर्षों से इन जमीनों पर काबिज हैं एवं इस पर खेती करके अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे हैं, लेकिन अब वन विभाग भोपाल की टीम द्वारा यहां पर जांच की जा रही है एवं आदिवासियों को जमीनों से बेदखल करने की तैयारी हो रही है। इस कार्रवाई को लेकर यारनगर के आदिवासी विधायक रमाकांत भार्गव के पास पहुंचे। इसके बाद विधायक ने वन विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई। हालांकि विधायक की नाराजगी के बाद वन विभाग का अमला बैरंग लौट गया। अब इस मामले में यारनगर सहित आसपास के गांवों के आदिवासियों ने बुधनी पहुंचकर धरना, प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव, पूर्व जिलाध्यक्ष रवि मालवीय, आदिवासी नेता निर्मला बारेला सहित अन्य भाजपा नेता भी जुटे एवं उन्होंने आदिवासियों की हक की लड़ाई में मोर्चा संभाला। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
ये है पूरा मामला –
सीहोर जिले की बुधनी तहसील के यारनगर में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग वर्षों से निवासरत हैं। ये लोग यहां पर खेती करके अपना व परिवार का जीवनयापन कर रहे हैं। पूर्व में यहां रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों को सरकार द्वारा वन अधिकार पत्र देकर जमीन दान में दी गई थी, जिस पर यहां के लोग खेती करके भरण-पोषण करते चले आ रहे हैं। अब वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को यहां वन क्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायत मिली, जिस पर भोपाल से मुख्य वन संरक्षक द्वारा एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने यारनगर पहुंचकर जांच शुरू की। पिछले करीब 7 दिनों से जांच टीम द्वारा ग्राम में अतिक्रमण की जांच की जा रही थी। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि यहां जांच के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है और यहां से बेदखल करने की धमकी दी जा रही है। इस मामले की जानकारी ग्रामीणों ने बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव को दी। इसके बाद विधायक ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जांच टीम से इस मामले में जानकारी मांगी। विधायक ने वन विभाग के अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने यहां पर जांच से पहले क्या ग्रामीणों को नोटिस दिए थे। इस पर कोई भी अधिकारी जबाव नहीं दे पाया। विधायक रमाकांत भार्गव ने वन विभाग की टीम पर जमकर नाराजगी भी जताई एवं कार्रवाई स्थगित करने को कहा। विधायक की नाराजगी के बाद वन विभाग का अमला बैरंग लौट गया।
आदिवासियों ने किया धरना-प्रदर्शन, शामिल हुए भाजपा नेता-
इस मामले में अब यारनगर सहित आसपास के गांवों के आदिवासियों ने बुधनी पहुंचकर पहले तो दशहरा मैदान से रैली निकाली। इसके बाद एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। इस धरना-प्रदर्शन में विधायक रमाकांत भार्गव सहित आदिवासी नेता निर्मला बारेला, वरिष्ठ नेता आसाराम यादव, अनार सिंह चौहान, अर्जुन मालवीय सहित अन्य नेता शामिल हुए। इस दौरान मंच से नेताओं ने भी वन विभाग के अमले को जमकर खरीखोटी सुनाई। भाजपा विधायक रमाकांत भार्गव ने कहा कि आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे दे दिए गए हैं। वे 70 वर्षों से भी अधिक समय से वहां रह रहे हैं, लेकिन अब उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। उनको कोई जानकारी नहीं दी गई कि उनका सर्वे क्यों किया जा रहा है। आदिवासियों पर यदि अत्याचार होगा तो यह सहन नहीं किया जाएगा। आदिवासी नेत्री निर्मला बारेला ने कहा कि यदि अधिकारी मनमानी करके आदिवासियों को परेशान करेंगे तो ठीक नहीं होगा। प्रदेश में भी हमारी सरकार है और केंद्र में भी हमारी सरकार है। उन्होंने कहा कि यदि निचले स्तर के अधिकारी अभी भी सबक नहीं सीखते हैं तो हम प्रधानमंत्री के पास भी जाएंगे और मुख्यमंत्री के पास भी जाएंगे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में एकत्रित होकर आंदोलन भी करेंगे। इस दौरान विधायक रमाकांत भार्गव की मौजूदगी में आदिवासियों के अधिकारों को लेकर एसडीएम दिनेश सिंह तोमर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ये बोले जिम्मेदार और ग्रामीण –
इस मामले में भोपाल से आए वन विभाग के जांच दल अधिकारी राजकुमार शिवहरे ने बताया कि बीट यारनगर में अतिक्रमण की शिकायत के मामले में जांच दल बनाए गए थे, जिसमें जांच दल प्रभारी राजेश शर्मा के निर्देशन में यहां वन अधिकार पत्र और अतिक्रमण के मामले में जांच करने के निर्देश दिए गए थे। हम दल के साथ यहां जांच कर रहे थे। ग्रामीण आप सिंह का कहना है कि यहां पिछले कुछ दिनों से बड़ी संख्या में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अतिक्रमण के नाम पर ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं और सभी लोगों के वन अधिकार पत्र की जांच कर रहे हैं। खेतों में जाकर जमीन नाप रहे हैं एवं वन अधिकार पत्र निरस्त करने की बात कर रहे हैं, जिसमें ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बुजुर्ग महिला गुलाब बाई ने बताया कि हम यहां कई वर्षों से जंगलों में निवास करते चले आ रहे हैं। यहां जंगलों के बीच में रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। यहां वन विभाग के अधिकारी हमें इस जगह से हटाने की बात कर रहे हैं।
कांग्रेस ने कसा तंज-
आदिवासियों को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी का अजब-गजब शासन आ गया है। भाजपा विधायक रमाकांत भार्गव जी मोहन सरकार से गुहार कर रहे हैं कि अधिकारी हमारी नहीं सुन रहे हैं या फिर ये कहे कि अधिकारी सिर्फ मोहन सरकार की सुन रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अब भाजपा के विधायक लाचार दिख रहे हैं तो जनता का न जाने क्या होगा?