आदिवासी समाज भी सनातन का ही हिस्सा, जननायकों का समाज में अहम योगदान
- शासकीय महाविद्यालय रेहटी में आयोजित हुई व्याख्यानमाला, वक्ताओं ने बताया जनजातीय जननायकों का इतिहास

रेहटी। आदिवासी समाज एवं इसके जननायकों का हमेशा से समाज में अहम योगदान रहा है। चाहे रामायाण काल हो, महाभारत काल हो या फिर वर्तमान का दौर हो, हर समय आदिवासी जननायकों ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। आदिवासी समाज ही मूल सनातन की जड़ है। आदिवासी समाज हमेशा से प्रेरणा का स्त्रोत भी रहा है, लेकिन कुछ कम्यूनिष्ठ विचारधारा एवं छोटी सोच के लोगों ने आदिवासी समाज को हमेशा से सनातन धर्म से काटने का काम किया है, जबकि आदिवासी समाज सनातन का ही हिस्सा है, इसलिए इन्हें अलग नहीं समझें। ये बातें तिलकराज दांगी प्रांत संगठन मंत्री वनवासी कल्याण परिषद ने कही। वे रेहटी स्थित शासकीय महाविद्यालय में ’जनजातीय नायकों का ऐतिहासिक, सामाजिक एवं अध्यात्मिक योगदान’ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य वक्ता अपनी बात कह रहे थे। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर मार्ल्यापण, दीप प्रज्जवन के साथ किया गया। यहां बता दें कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में रेहटी महाविद्यालय में भी व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। व्याख्यानमाला वनवासी कल्याण परिषद जिला सीहोर एवं रेहटी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
आदिवासी जननायकों का रहा है समृद्ध इतिहास-
व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता तिलकराज दांगी ने कहा कि आदिवासी जननायकों से इतिहास भरा पड़ा है। सभी युवाओं, छात्र-छात्राओं एवं बुद्धिजीवियों को उनका इतिहास पढ़ना चाहिए। भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, रानी कमलापति, रानी दुर्गावति, भीमा नायक, तिलका मांझाी सहित कई ऐसे आदिवासी जननायक रहे हैं, जिन्होंने सनातन धर्म को बचाने, देश को आजाद कराने एवं आदिवासियों के हितों के लिए अंग्रेजों, मुगलों से लंबी लड़ाइयां लड़ी। इनके अत्याचारों को भी सहा, लेकिन कभी पीछे नहीं हटे। हमेशा से डटकर मुकाबला किया। अंग्रेजों ने भारत माता को गुलामी की बेड़ियों में जकड़कर रखा, लेकिन बाबा तिलका मांझी ने अंग्रेजों के खिलाफ सेना एकत्रित की और फिर अंग्रेजों पर लगातार हमले किए। हम सभी को इनके इतिहास को पढ़ना चाहिए। इस दौरान मुख्य वक्ता तिलकराज दांगी ने थ्री डी यानी ’दारू, दहेज और डीजे’ जैसी कुरीतियों को लेकर भी कहा कि दारू, दहेज और डीजे ने हमारे समाज का बहुत कुछ बुरा किया है, इसलिए इन्हें त्यागना चाहिए। व्याख्यानमाला को रेहटी नगर परिषद अध्यक्ष राजेंद्र मीना पटेल, अनुपम शर्मा, सलकनपुर मंडल अध्यक्ष वनबीर सिंह चंद्रवंशी सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर रेहटी महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जुगल पटेल एवं कॉलेज प्राचार्य अंजलि गढ़वाल ने मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता रामनारायण साहू, आसाराम यादव, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त दुर्गेश सोनी, अनार सिंह चौहान, रमेश बारेला, राजीव शर्मा, कैलाश भिलाला, रामसजीवन यादव, नितेश साहू, चेतन पटेल सहित कॉलेज स्टॉफ, छात्र-छात्राएं एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।