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sehore news : गणेश उत्सव का भव्य आगाज: प्राचीन चिंतामन गणेश मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

sehore news : सीहोर। आज से 10 दिवसीय गणेश उत्सव का भव्य आगाज हो गया है और अल सुबह से इस पावन अवसर पर ऐतिहासिक चिंतामन गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता उमड़ रहा है। यह मंदिर अपनी अनोखी मान्यताओं और चमत्कारी शक्तियों के लिए जाना जाता है, जिसके कारण गणेश चतुर्थी पर यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
चिंतामन गणेश मंदिर को देश के उन चार प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है, जहां भगवान गणेश स्वयं मूर्ति रूप में विराजमान हैं। मान्यताओं के अनुसार इसकी स्थापना आज से लगभग दो हजार साल पहले राजा विक्रमादित्य ने की थी। किंवदंती है कि भगवान गणेश ने राजा की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें स्वयं मूर्ति दी थी, जो यहां स्थापित हो गई। मंदिर की स्थापत्य कला पेशवाकालीन श्रीयंत्र पर आधारित है।
भक्तों की हर चिंता हरते हैं बप्पा
इस मंदिर का नाम चिंतामन इसलिए पड़ा क्योंकि यहां आने वाले भक्तों की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि जब भी राजा विक्रमादित्य पर कोई संकट आता था, वे यहां आकर भगवान गणेश से प्रार्थना करते थे और उनकी सभी परेशानियां दूर हो जाती थीं।
चमत्कारी स्वास्तिक
मंदिर से जुड़ी एक और अनूठी परंपरा है। भक्तगण अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर के पिछले हिस्से में दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वे दोबारा आकर उसी स्वास्तिक को सीधा बनाते हैं। यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है और भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाती है।
10 दिन लगेगा मेला
गणेश उत्सव के पहले दिन सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लग गई थीं। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों के साथ माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। यहां दर्शनों के लिए देश से श्रद्धालु पहुंचेंगे। मंदिर परिसर में मेला भी लगा है, जिसमें बड़े-बड़े झूले आकर्षण का केन्द्र हैं।
स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
– अमृत मुहूर्त: सुबह 7.33 बजे से 9.09 बजे तक।
– शुभ मुहूर्त: सुबह 10.46 बजे से दोपहर 12.22 बजे तक।
– शाम की पूजा: शाम 6.48 बजे से 7.55 बजे तक।
ऐसे करें गणेश जी की अगवानी
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ शर्मा ने बताया कि गणपति स्थापना से पहले उनका घर में मंगल प्रवेश विधि-पूर्वक होना चाहिए। इसके लिए घर और मंदिर को सजाकर, कुमकुम से स्वस्तिक और हल्दी से चार बिंदियां बनाकर स्थान तैयार करें। मूर्ति लाने से पहले नए वस्त्र पहनें और पीतल या तांबे की थाली साथ ले जाएं।
बैठी हुई प्रतिमा लें
पंडित श्री शर्मा ने बताया कि मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि गणेश जी बैठे हुए हों, उनके साथ उनका वाहन चूहा और रिद्धि-सिद्धि हों और उनकी सूंड बाईं तरफ हो। मूर्ति का मोलभाव न करें, बल्कि उन्हें निमंत्रित करके दक्षिणा दें। घर के द्वार पर गणपति बप्पा की आरती उतारने के बाद ही उन्हें घर के अंदर ले जाकर स्थापित करें। मान्यता है कि इस विधि से किए गए मंगल प्रवेश से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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