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Sehore News : तार फेसिंग सुलझाएगी खिवनी अभ्यारण का विवाद…

Sehore News : सीहोर। प्राकृतिक सौंदर्य और अपनी जैव विविधता के लिए वन जीव अभ्यारण खिवनी की अलग पहचान है। यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी मध्य भारत के मालवा क्षेत्र में विंध्याचल पर्वत मालाओं की गोद में सीहोर और देवास जिले में 134 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली हुई है। बाघ, तेंदुए, हिरण, नीलगाय, भालू, लोमड़ी, लकड़बग्घा सहित अनेक प्रकार के वन्यजीव यहां स्वछंद वातावरण में विचरण करते हैं। यह 130 प्रकार के पक्षियों का घर है।
बीते दिनों सेंचुरी से अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीण और प्रबंधन के बीच विवाद की स्थिति बनी और यह प्रदेश भर में बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बना। इस प्रकार की स्थिति निर्मित न हो और अभ्यारण की सीमा से सटे गांव के लोगों के साथ टकराव की स्थिति न बने इसलिए अब सेंचुरी के अफसर एक कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। अभ्यारण प्रबंधन ने 110 किमी क्षेत्र में फेंसिंग की मांग रखी है। वर्तमान में सिर्फ 10 किमी तक ही फेंसिंग है। जबकि 50 से 60 किमी तक कई गांव और सेंचुरी की सीमा लगी हुई है। ऐसे में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान टकराव की स्थिति बनती है।
तार फेसिंग से सुलझेगा विवाद
खिवनी अभ्यारण के रेंजर भीम सिंह सिसोदिया ने बताया कि तार फेंसिंग होने पर सीमा विवाद सुलझ जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की कार्य योजनाएं तैयार की जा रही है। बरसात के कारण अभी सेंचुरी बंद है। 1 अक्टूबर से खोली जाएगी। यहां 1 साल में 5 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे। 3 हजार पर्यटको ने नाइट स्टे किया जबकि 2 हजार से ज्यादा टूरिस्ट ने सफारी का आनंद लिया। टूरिस्टों को ठहरने के लिए कॉटेज बने हैं, कॉटेज संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है साथ ही यहां टूरिस्ट स्पॉट भी बढ़ाए जाएंगे। स्थानीय ग्रामीण युवाओं को गाइड की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। सेंचुरी की कमाई में इजाफा होगा साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। अभी वर्तमान में सेंचुरी में 28 किमी का ट्रैक है जिसे आगे बढाया जाएगा।
बाघो के कुनबे में इजाफा
सेंचुरी में बाघो का कुनबा बढ़ रहा है टाईगर के विचरण के लिए जंगल छोटे पडऩे लगे हैं, ऐसे में अब खिवनी वाईल्ड लाईफ सेंचुरी के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया गया है, कार्ययोजना पर अभ्यारण प्रबंधन खाका तैयार कर रहा है। इसको लेकर सीहोर और देवास जिले के वन मंडल अधिकारियों की बैठकें भी हो चुकी हैं। सीहोर और देवास जिले के जंगल में विस्तार किया जाना है। दोंनो जिलों में 1500 हेक्टेयर जंगल बढ़ाया जाएगा। जिससे बाघों को घूमने, रहने के लिए और भी ज्यादा जंगल उपलब्ध रहेगा।
प्रस्ताव तैयार किया है
रेंजर भीम सिंह सिसोदिया ने बताया कि आने वाले दिनों में बाघों की संख्या सेंचुरी बढ़ेगी। यह स्थान जैव विविधता की दृष्टि से परिपूर्ण है। बाघों के विचरण और उनकी संख्या को ध्यान में रखते हुए सेंचुरी का विस्तार किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसका कार्य चल रहा है। अभ्यारण का दायरा बढ़ाया जाएगा।

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