कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की संपत्ति का खुलासा…

सीहोर। केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक कर दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी की गई इस लिस्ट में कई दिलचस्प बातें सामने आई हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह चौहान के पास कुल 8.98 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनकी इस संपत्ति में एक पुरानी एम्बेसडर कार और एक रिवॉल्वर भी शामिल है। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान का सीहोर जिले से गहरा नाता है। बुदनी के ग्राम जैत उनकी जन्मभूमि है। वह बुदनी विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में वह विदिशा संसदीय सीट से सांसद हैं और इस सीट में जिले की बुदनी और इछावर विधानसभा सीटें आती हैं।
कृषि मंत्री चौहान का राजनीतिक करियर
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के शुरुआत राजनीतिक करियर की बात करें तो – वर्ष 1977-78 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। 1975 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
जनप्रतिनिधि के रूप में चयन
शिवराज सिंह चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। शिवराज सिंह चौहान 1991-92 में अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव नियुक्त। 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे।
पुन: चुनेे गए सांसद
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 11 वीं लोक सभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12 वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। ये वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13 वीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।
वर्ष 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह चौहान पांचवीं बार विदिशा से 14वीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे।
प्रदेश अध्यक्ष भी बने
कृषि मंत्री श्री चौहान चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। चौहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
शिवराज सिंह चौहान के नाम यह रिकार्ड
शिवराज सिंह मध्यप्रदेश मे सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप मे कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री है, शिवराज सिंह ने 13 वर्ष 17 दिन का मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। कमलनाथ सरकार आने पर 15 महीने बाद दुबारा सीएम बने। इस तरह मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड भी उन्होंने अपने नाम कर लिया है। इसके पहले ये रिकार्ड अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल के पास था। ये मध्य प्रदेश के तीन तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके है। जबकि शिवराज सिंह चौहान ने 24 मार्च 2020 में चौथी बार सीएम पद की शपथ लेकर सबसे ज्यादा बार सीएम बनने का रिकार्ड अपने नाम किया।