कांग्रेस को मिला DMK का साथ, बालू बोले- विपक्ष को कमजोर नहीं करें ममता बनर्जी
नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी को द्रमुक का साथ मिला है। डीएमके नेता टीआर बालू भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष को बांटना नहीं चाहिए। लोकसभा में द्रमुक के नेता बालू, उन चुनिंदा नेताओं में शामिल थे जिन्हें पिछले सप्ताह सोनिया गांधी ने संसद में विपक्ष की रणनीति तय करने के लिए आयोजित बैठक में बुलाया था।
टीआर बालू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्षी एकता आगे और भी मजबूत होगी और पार्टियां मिलकर अगले साल प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार खड़ा कर सकती हैं। सत्तारूढ़ भाजपा को विपक्ष का साझा शत्रु करार देते हुए बालू ने कहा कि विपक्षी नेताओं को राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा करने के लिए अक्सर बैठक करनी चाहिए, जिसका एक सबसे अहम एजेंडा, भाजपा से लड़ाई और उसे हराने पर आधारित होना चाहिए।
कौन सा नेता विपक्ष को एकजुट कर सकता है। इस सवाल पर द्रमुक नेता ने कहा कि इस पर फैसला उपयुक्त समय पर लिया जा सकता है और जहां तक द्रमुक का सवाल है तो इस बारे में पार्टी अध्यक्ष एम के स्टालिन ही कोई निर्णय ले सकते हैं। बालू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और हमारे नेता स्टालिन राष्ट्रीय राजनीति के मुद्दों पर चर्चा के लिए विभिन्न विपक्षी दलों को बातचीत के लिए एक मंच पर ला सकते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भाजपा नीत राजग सरकार से मुकाबला करने के लिए संसद में विपक्षी दलों का साझा रुख होना चाहिए।
ममता बनर्जी के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि (अब कोई यूपीए नहीं है) टीआर बालू ने कहा कि विपक्ष में विभाजन से केवल भाजपा का उद्देश्य पूरा होगा। बालू ने कहा, "ममता बनर्जी एक परिपक्व और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें साथी विपक्षी नेताओं का सम्मान प्राप्त है। मैं उनसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष को विभाजित करने वाली पार्टी नहीं बनने का अनुरोध करूंगा। अकेले जाने के उनके प्रयासों से उनके लिए वांछित परिणाम नहीं निकलने वाले हैं। बल्कि इससे विपक्ष की साझी दुश्मन भाजपा को कुछ मदद मिल सकती है।'
विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए भविष्य की कार्रवाई के बारे में बात करते हुए, द्रमुक नेता ने कहा कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिए सभी के प्रयासों और समय की आवश्यकता होती है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष अगले राष्ट्रपति चुनावों तक और अधिक एकजुट होकर उभरेगा। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव तक विपक्षी खेमे में एकता और मजबूत होगी और हम सभी विपक्षी दलों द्वारा समर्थित एक उम्मीदवार को पेश करने में सक्षम हो सकते हैं।"