धर्म

आज है षटतिला एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा

 नई दिल्ली

Shattila Ekadashi 2022: आज षटतिला एकादशी है। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस वर्ष यह एकादशी आज शुक्रवार के दिन पड़ी है इसलिए इस व्रत से ना सिर्फ भगवान विष्णु का आशीष प्राप्त होगा बल्कि महालक्ष्मी की भी कृपा होगी, क्योंकि शुक्रवार के दिन व्रत करने से महालक्ष्मी का व्रत स्वत: हो जाएगा। षटतिला एकादशी के महात्म के बारे में जानकारी देते हुए वेदाचार्य पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं की चूंकि सूर्य उत्तरायण है और और मकर राशि में है इसलिए इस एकादशी को व्रत के साथ-साथ भगवान को तिल का का भोग लगाना चाहिए, इस दिन तिल का दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अपने प्रसाद में भी तिल की सामग्री का सेवन करना चाहिए। इस दिन चावल का त्याग करना चाहिए।

इस्कॉन धनबाद के नाम प्रेमदास बताते हैं की षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखकर घर पर हरिनाम संकीर्तन करना चाहिए। यही एक व्रत है जो मनुष्य को मोक्ष के द्वार तक ले जाती है।

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त-
षटतिला एकादशी 2022 पूजन मुहूर्त 2 घंटे 9 मिनट का रहेगा। 28 जनवरी को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से 09 बजकर 20 मिनट तक पूजन का शुभ समय है।

षटतिला व्रत का महत्व-
खंडेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडे षटतिला एकादशी की कथा पर चर्चा करते हुए कहते हैं कि की वस्तुत: एकादशी तो मोक्ष का व्रत है लेकिन विशेषकर षटतिला एकादशी पूजन और दान का व्रत है। क्योंकि इस दिन किया गया दान न सिर्फ भौतिक जीवन में अपितु बैकुंठ में भी वैभव से परिपूर्ण करता है।

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