PHQ: बड़े अफसरों पर सख्ती, वर्क डिस्ट्रीब्यूशन के साथ काम पर नजर
भोपाल
डीजीपी विवेक जौहरी ने तीन शाखाओं के कार्य का विभाजन कर स्पेशल डीजी शैलेष सिंह और एडीजी मनीष शंकर शर्मा के कार्य का दायरा तय कर दिया है। जिन दो शाखाओं के प्रमुख यह अफसर हैं, वे दोनों शाखाएं लंबे समय से काम कर रही है, लेकिन उनका दायरा अब तक तय नहीं था। इसमें स्पेशल डीजी शैलेष सिंह को प्रदेश के अगले डीजीपी की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। वे सीनियरटी में प्रदेश में इस वक्त छटवें नंबर के अफसर हैं।
इन दो शाखाओं के अलावा पुलिस आर एण्ड डी शाखा के काम का भी विभाजन कर दिया गया है। इस शाखा को पुलिस रिसर्च के संबंध में समय-समय पर डीजीपी द्वारा सौंपे गए कार्य को देखना होगा। पुलिस मुख्यालय से समय-समय पर जारी परिपत्रों को वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में समीक्षा कर उसे संशोधित करवाना होगा। वर्तमान में प्रासंगिक पुलिस से संबंधित विभिन्न मुद्दों के साथ ही जो मुद्दे समय- समय पर सार्वजनिक महत्व के बनते हैं उनको डीजीपी की जानकारी में लाने का काम इस शाखा का होगा। इन मुद्दों पर रिसर्च करने का जिम्मा भी अब इस शाखा के पास होगा।
पुलिस मैनुअल शाखा करेगी रेग्यूलेशन अपडेट
वहीं वर्ष 1992 बैच के आईपीएस मनीष शंकर शर्मा पुलिस मैनुअल शाखा के एडीजी हैं। अब वे सिर्फ पुलिस कार्य की विभिन्न विधाओं जैसे क्राउड कंट्रोल, सीन आॅफ क्राइम के संबंध में विशिष्ट मैनुअल्स तैयार करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश पुलिस रेग्यूलेशन को अपडेट करने का काम इस उनके पास होगा। इसके साथ ही समय सीमा तय कर पुलिस रेग्यूलेशन की कंडिकाओं को भी अपडेट करना होगा। पुलिस मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं से संबंधित कंडिकाओं को चिन्हित कर संबंधित शाखा प्रभारियों से अपडेट करने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त करना और संशोधन के प्रस्तावों को पुलिस स्थापना बोर्ड से परीक्षण करवाकर शासन के पास अनुमोदन के लिए भेजने का काम भी उनके पास होगा। शाखा के इन कामों के अलावा डीजीपी द्वारा दिए गए अन्य कामों को भी करना होगा।
अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज की होगी स्टडी
वर्ष 1987 बैच के आईपीएस अफसर शैलेष सिंह पुलिस सुधार के स्पेशल डीजी है। डीजीपी विवेक जौहरी के आदेश के बाद अब वे प्रदेश पुलिस प्रशासन एवं अन्य राज्यों में पुलिस कार्य प्रणाली को बेहतर एवं प्रभावशाली और जन हितैषी बनाये जाने के लिए की जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज और नवाचार पर शोध कार्य करेंगे। इन कार्यो को पुलिस सुधार की दृष्टि से प्रदेश में लागू करवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास रहेगी। इसके अलावा डीजीपी द्वारा समय-समय पर सौंपे जाने वाले अन्य कार्य वे करेंगे।