भोपालमध्य प्रदेश

एसपी के कामकाज पर PHQ की बढ़ेगी निगरानी, हर माह DGP को सौंपेंगे रिपोर्ट

भोपाल
पुलिस अधीक्षकों के काम-काज पर पुलिस मुख्यालय की मॉनिटरिंग बढ़ने जा रही है। अब तक रेंज या पुलिस जोन के एडीजी या आईजी और डीआईजी ही निरीक्षण करने के लिए जिलों में जाते थे,लेकिन अब पुलिस मुख्यालय में पदस्थ स्पेशल डीजी और एडीजी भी हर महीने जिलों में जाकर निरीक्षण करेंगे। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी स्पेशल डीजी और एडीजी को आदेश जारी कर दिए हैं।

सीआईडी के एडीजी जीपी सिंह ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर डीजीपी विवेक जौहरी को सौंपा था। इसी बीच पेटलावद विस्फोट कांड का फैसला आ गया, जिसमें आरोपियों को बरी कर दिया गया। इससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खासे नाराज हो गए। उनकी नाराजगी के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी अब जिला पुलिस की मॉनिटरिंग बढ़ाने का तय कर दिया है। सीआईडी के प्रस्ताव को डीजीपी ने मंजूरी देते हुए स्पेशल डीजी और एडीजी को जिलों में जाकर निरीक्षक करने के निर्देश दिए गए हैं। ये अफसर महीने में एक या दो जिलों में जाकर निरीक्षण करेंगे।

बताया जाता है कि जो जिस शाखा का प्रमुख है वह जिलों में जाकर अपनी शाखा के संबंध में निरीक्षण करेगा। महिला अपराध शाखा के एडीजी जिलों में जाकर महिला अपराधों की समीक्षा करेंगे। वहीं एससीआरबी के एडीजी अपराधों का रिकॉर्ड और सीसीटीएनएस के संबंध में जिलों में जाकर निरीक्षण करेंगे। अभियोजन के स्पेशल डीजी जिलों में अभियोजन से संबंधित काम की समीक्षा करने के लिए जाएंगे। निरीक्षण की रिपोर्ट डीजीपी को अफसर सौंपेंगे।

भोपाल और इंदौर में बल बढ़ाने का नया तरीका पुलिस मुख्यालय ने निकाला है। दोनों ही शहरों में पुलिस बल बढ़ाने के लिए प्रदेश के अधिकांश जिलों से बल यहां पर भेजने के निर्देश दिए गए है। कुछ जिलों से बल भोपाल और इंदौर में आकर ज्वाइनिंग दे चुका है। बाकी का जल्द ही कुछ और जिलों से बल यहां पर आ जाएगा। दोनों ही शहरों में करीब 1400 का बल इससे बढ़ जाएगा।

सूत्रों की मानी जाए तो पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पुलिस बल बढ़ाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अधिकांश जिलों से 30 से 70 तक की संख्या में आरक्षक भोपाल और इंदौर के लिए बुलाए हैं। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आरक्षकों को भोपाल और इंदौर भेजने के निर्देश दिए हैं। इन आरक्षकों को दोनों शहरों में तैनात किया जाएगा। बताया जाता है कि दोनों ही शहरों के लिए 700-700 का बल बढ़ाया गया है। यह बल प्रदेश के अन्य जिलों से लिया गया है।

बाद में बढ़ेगा बल
प्रदेश पुलिस में अभी 6 हजार आरक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। दरअसल प्रदेश पुलिस में वर्ष 2017 के बाद से आरक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में आरक्षकों की कमी प्रदेश के सभी जिलों में बनी हुई है। अब जब तक ये 6 हजार आरक्षक ट्रैनिंग लेकर जिलों में पदस्थ नहीं होते तब तक बल की कमी लगातार जारी रहेगी।

जिलों को होगी परेशानी
इंदौर और भोपाल के लिए जो बल अन्य जिलों से बुलाया गया है, उसे लेकर पुलिस अधीक्षक अपने आला अफसरों के सामने तो कुछ नहीं कह सके, लेकिन अब उन्हें अपने जिलों की चिंता सताने लगी है। दरअसल जो आरक्षक इन दोनों शहरों के लिए मांगे गए हैं, वे बलवा नियंत्रित करने, कानून व्यवस्था आदि में कुशल हैं। ऐसे में इन जिलों में कानून व्यवस्था को लेकर इन कुशल आरक्षकों की कमी खलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button