कांग्रेस का पंजाब चुनाव में फॉर्मूला, एक परिवार से सिर्फ 1 सदस्य को टिकट
नई दिल्ली
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में अभी चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। यह चुनाव पार्टी के लिए काफी मायने रखता है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक खास रणनीति बनाई है। पार्टी ने फैसला किया है कि वो चुनाव में किसी एक परिवार के सिर्फ एक ही सदस्य को टिकट देगी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी भी बनाई है।
हरीश चौधरी ने कही यह बात
पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश चौधरी ने बताया कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है। कमेटी यह तय करेगी कि पार्टी का टिकट किसी एक परिवार के किसी एक सदस्य को ही चुनाव का टिकट दिया जाए। हाल ही में नई दिल्ली स्थित कांग्रेस वॉर रूम में एक हाई लेवल बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने मीडिया को यह जानकारी दी है। इस बैठक में पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा हुई है। बैठक में आजय माकन, सुनील जाखड़, नवजोत सिंह सिद्धू तथा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समेत अन्य नेताओं ने भी शिरकत की और चुनाव को लेकर अहम रणनीति बनाई।
सीएम के भाई लड़ने वाले थे चुनाव
बताया जा रहा है कि राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डॉक्टर मनोहर सिंह भी चुनावी दंगल में ताल ठोकने वाले थे। इतना ही नहीं उन्होंने सीनियर मेडिकल अफसर के पद से इस्तीफा भी दे दिया था। सीएम के भाई फतेहगढ़ साहिब के बसी पठानां विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि, अब उनके मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
नाराज हैं हरीश रावत
भले ही पंजाब कांग्रेस चुनाव के लिए अलग-अलग रणनीतियां बना रही है लेकिन इस बीच यह खबर भी है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पार्टी से नाराज चल रहे हैं। रावत के करीब सूत्रों का दावा है कि वह पिछले कुछ महीनों से पार्टी के भीतर ही दरकिनार महसूस कर रहे हैं और यदि पार्टी आलाकमान ने दखल नहीं दिया और राज्य में कांग्रेस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ तो वह जल्द ही अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं। सूत्रों का यहां तक कहना है कि स्थितियों में सुधार नहीं होने पर 72 वर्षीय रावत राजनीति से संन्यास लेने तक का फैसला ले सकते हैं।