राजनीतिक

भाजपा को घेरने विपक्ष भी बड़ी घटनाओं की करवाता रहा जांच, फिर भी सरकार को नहीं घेर सकी कांग्रेस

भोपाल
प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने कुछ चर्चित मामलों पर सगंठन की ओर से जांच समिति बनाई। उद्देश्य साफ था कि इनके जरिए सरकार को घेरा जाए, लेकिन दो साल में एक भी मामला ऐसा सामने नहीं आया जिसके जरिए कांग्रेस ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जनता के बीच में बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा हो। अब विपक्ष सरकार को घेरने के लिए दूसरे तरीकों पर जोर दे रहा है।

इन मामलों पर बनी जांच समिति

  • विदिशा के गंजबासौदा में कुआ धसकने से हुई मौतों के मामले में जांच समिति बनाई। समिति में विधायक के साथ ही संगठन के लोगों को भी रखा गया, समिति ने अपनी रिपोर्ट पीसीसी चीफ को भी दी।
  • देवास जिले के नेमावार में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में जांच समिति बनाई गई। समिति में आदिवासी जनप्रतिनिधियों के अलावा, कई पदाधिकारी भी थे।
  • मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में भी कांग्रेस ने जांच समिति बनाई।
  • गुना में दलित दंपति से मारपीट के मामले में जांच समिति बनाई गई। इसमें भी आदिवासी विधायकों को शामिल किया गया। प्रदेश कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों को भी इसमें शामिल किया गया।
  • शहडोल के अस्पताल में 11 बच्चों की मौत के मामले में कांग्रे्रस ने जांच कमेटी बनाई, लेकिन इसकी रिपोर्ट का कांग्रेस ने क्या किया यह किसी को पता नहीं चल सका।
  • बैरसिया की गौशाला में गायों की मौत के मामले में भी कांग्रेस ने जांच समिति बनाई। समिति यहां पर गई थी, अपनी रिपोर्ट भी तैयार की और अब यह मामला पूरी तरह से दब चुका है।

नहीं बताई समितियों की रिपोर्ट
कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद बनी भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने तय किया था कि बड़े मामलों पर वह अपने दल की ओर से जांच समिति बनाकर सरकार को घेरेगी। कांग्रेस ने दो साल में दो दर्जन के लगभग जांच समिति बनाई। कई बार समितियों का ऐलान पत्रकार वार्ता में किया गया, लेकिन जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने उसका क्या किया, यह कभी उसने सार्वजनिक नहीं होने दिया।

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