भोपालमध्य प्रदेश

राजधानी के होटल-रेस्टोरेंट में नए साल का जशन रात 10.30 बजे तक, गाइडलाइन जारी

भोपाल

 प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के कारण प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लागू है। रात 11 बजे से 5 बजे तक प्रतिबंध रहेगा। इसकी वजह से रात 7 से 10:30 बजे तक ही होटल-रेस्टोरेंट में नए साल की पार्टी मना सकेंगे।

यहां भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। मास्क भी पहनना होगा। दोनों डोज लगवाना अनिवार्य रहेगा। रात 11 बजे के बाद सड़कों पर बिना कारण घूमते दिखे, तो कार्रवाई की जाएगी। हां, लोग घरों में जरूर देर रात तक सेलिब्रेशन कर सकेंगे। इस पर पाबंदी नहीं है। आइए जानते हैं कि कहां- क्या गाइडलाइन है।

भोपाल में 10: 30 बजे तक सेलिब्रेशन

राजधानी में होटल-रेस्टोरेंट, क्लब और पब में न्यू ईयर का सेलिब्रेशन 31 दिसंबर की रात 7 से 10.30 बजे के बीच होगा। अधिकांश होटल-रेस्टोरेंट में इसी टाइमिंग पर सेलिब्रेशन होगा। यहां शाम 7 बजे से सेलिब्रेशन शुरू हो जाएगा। नाइट कर्फ्यू के साथ ही प्रशासन की टीमें होटल-रेस्टोरेंट में औचक निरीक्षण करेगी। सेलिब्रेशन के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। होटल-रेस्टोरेंट, क्लब या पब संचालक बिना मास्क के किसी को भी एंट्री न दें। पुलिस भी चेकिंग करेगी। हालांकि, लोग घरों में जरूर देर रात तक सेलिब्रेशन कर सकेंगे। भोपाल के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष तेज कृपाल सिंह पाली का कहना है कि टाइमिंग का ध्यान रखेंगे।

इंदौर में 31 दिसंबर की रात 10 से खजराना मंदिर में एंट्री बंद

हर साल नए साल में खजराना गणेश मंदिर में लोग गणेशजी का दर्शन करने आते हैं। इस बार 31 दिसंबर की रात 10 बजे भक्तजनों की एंट्री बंद कर दी जाएगी। रात 12 बजे की पुजारी आरती करेंगे। सुबह 5 बजे मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। दोनों डोज ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

  • शराब की दुकानें रात 10.30 बजे से बंद करना शुरू कर दी जाएंगी।
  • बड़े होटलों, पबों आदि में आयोजन नहीं होंगे।
  • एक साथ ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्र होने पर कार्रवाई ।
  • नशा करने वालों व दोपहिया वाहन पर तीन सवारी होने पर भी कार्रवाई होगी।
  • जबलपुर में होटल-रेस्टोरेंट को 10:30 बजे तक खोलने की परमिशन

जबलपुर में होटल और रेस्टोरेंट सहित सभी को रात 10.30 बजे तक खोलने की अनुमति दी है। न्यू ईयर की पार्टी मनाने की किसी को अनुमति नहीं होगी। रात 11 बजे के बाद सड़क पर बेवजह मिलने पर थाने में रात काटनी होगी। सार्वजनिक रूप से कहीं भी ग्रुप में मिलने पर धारा 188 का प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा।

ग्वालियर में रात 11 बजे सड़क पर मिले तो कार्रवाई

यहां नाइट कर्फ्यू से पहले न्यू ईयर की पार्टी खत्म करनी होगी। रात 11 बजे के बाद होटल, क्लब या गार्डन में जश्न मनाता नजर आया, तो पुलिस FIR दर्ज करेगी। इसमें पुराने साल की विदाई और नए साल के आगमन पर जश्न तो मना सकते हैं, लेकिन गाइडलाइन का पालन करना होगा। मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंस का पालन आयोजक को कराना होगा। हॉल या गार्डन की क्षमता से 50 फीसदी ही लोग पार्टी में शामिल हो सकेंगे।

उज्जैन में मंदिर सुबह 6 से रात 9 बजे तक खुलेंगे

  •  रेस्टोरेंट व मनोरंजन के सभी जगह रात 11 बजे के पहले ही बंद होंगे।
  • धर्मस्थल सुबह 6 से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे। सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, थिएटर, जिम, कोचिंग, स्विमिंग पूल, क्लब, स्टेडियम में केवल उन लोगों को परमिशन होगी, जिन्होंने दोनों डोज लगवाए हैं।

रतलाम में हुड़दंग किया तो होगी कार्रवाई

  • यहां न्यू ईयर के सेलिब्रेशन के लिए रात 10:30 बजे तक होटल और रेस्टोरेंट खुले रह सकेंगे। नाइट कर्फ्यू का सख्ती से करवाया जाएगा पालन। हुड़दंग करने वालों पर पुलिस करेगी कार्रवाई।

होशंगाबाद के पचमढ़ी में अतिरिक्त बल तैनात

होशंगाबाद में होटल रेस्टारेंट समेत सभी जगह रात 11 बजे तक सेलिब्रेशन की परमिशन रहेगी। नशे में गाड़ी चलाते मिलने पर थाने में नया साल शुरू होगा। हुड़दंग करने वालों पुलिस की सख्ती होगी। पचमढ़ी में 31 से 1 जनवरी तक अतिरिक्त पुलिस और यातायात बल मौजूद रहेगा।

गुना में बेवजह घूमने वालों पर कार्रवाई

11 बजे से पहले न्यू ईयर के सभी कार्यक्रम खत्म करने होंगे। उसके बाद बेवजह सड़क पर घूमने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। 10:30 के बाद डीजे नहीं बजा सकेंगे। होटल, रेस्टोरेंट में दोनों डोज लगा चुके नागरिकों को ही एंट्री मिलेगी। 18 से कम उम्र के युवाओं पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।

पिछले न्यू ईयर पर 200 लोगों की थी अनुमति

पिछले साल न्यू ईयर पर होटल, पब और ओपन स्पेस में मनाए जाने की छूट थी। ओपन स्पेस जैसे गार्डन या मैदानों में होने वाले आयोजन में एक बार में 200 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने की मनाही थी। होटल, क्लब-पब आदि में भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही आयोजन होने के निर्देश थे। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना आयोजक की जिम्मेदारी थी।

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