16 जनवरी को दिन भर चलेगा प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठकों का दौर

भोपाल
प्रदेश भाजपा कार्यालय में 16 जनवरी को कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशती समारोह समिति तय करेगी कि ठाकरे की मंशा के अनुरूप पार्टी के कार्यकर्ताओं को गढ़ने के लिए आने वाले दिनों में कैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं और इसके लिए विचार गोष्ठियों, बैठकों की रूपरेखा कैसी रखी जाएगी। इसमें किन नेताओं को कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण, संबोधन के लिए भेजा जाए ताकि ठाकरे की भाजपा से यूथ को जोड़ने की मंशा के मुताबिक काम हो सके। इसके साथ ही 20 जनवरी से शुरू होने वाले बूथ विस्तारक कार्यक्रम के प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, आयोजन समिति के सचिव हेमंत खंडेलवाल इन बैठकों में मौजूद रहेंगे और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी बैठक में शामिल होने के लिए भोपाल आ सकते हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जन्मशताब्दी समिति नीतिगत निर्णय लेकर कार्यक्रम तय करेगी और इसके बाद क्रियान्वयन समिति इसके क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार करेगी। बाद में आजीवन समर्पण निधि के अंतर्गत जिलों को दिए जाने वाले धन संग्रह के टारगेट पर चर्चा होगी। बताया गया कि बूथ विस्तारक योजना के अंतर्गत विधानसभा प्रशिक्षक कार्यशाला भी इस मौके पर होगी। इसमें सागर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, चंबल और ग्वालियर संभाग के कार्यकर्ता शामिल होंगे। दूसरी पाली में भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग की कार्यशाला होगी।
BJP दफ्तर में बनी गाइडलाइन
कोरोना संक्रमण का असर पार्टी की रविवार को होने वाली बैठक में दिखेगा। यह व्यवस्था आने वाले दिनों में भी लागू रहेगी। प्रदेश संगठन ने तय किया है कि कोरोना के बीच बैठकों के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। इसी कारण कुशाभाऊ ठाकरे आयोजन समिति और संगठन पर्व प्रशिक्षण को लेकर रविवार को होने वाली बैठक में आने वाले मंत्रियों, पदाधिकारियों से साफ कहा गया है कि वे अपने समर्थकों को साथ न लाएं।
बैठक में शामिल होने अकेले आएं ताकि भीड़ न बढ़े। इसी के चलते पार्टी ने यह भी तय कर दिया है कि दिन भर चलने वाली अलग-अलग बैठकों में सदस्यों की संख्या कितनी-कितनी होगी ? संगठन विस्तार के लिए होने वाली दोनों ही कार्यशालाओं में बैठक में शामिल होने वालों की संख्या 128 और 102 तय की गई है जबकि कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशताब्दी समारोह समिति से जुड़ी समिति की दो अलग-अलग बैठकों में 15 और 24 सदस्य ही एंट्री पाएंगे।
इस बैठक में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री, सह संगठन महामंत्री, केंद्रीय मंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के अलावा समिति में शामिल मंत्री और प्रदेश पदाधिकारी शामिल होने वाले हैं।