राजनीतिक

एमसीडी चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है

नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए एक बड़ा संकेत हैं? सभी राजनीतिक दलों के नेता आने वाले लोकसभा चुनावों के चश्मे से एमसीडी चुनाव परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं। एमसीडी चुनाव के नतीजों का बीजेपी की ओर से भी विश्लेषण किया गया है। यह विश्लेषण बीजेपी के लिए लोकसभा चुनावों में खतरे की घंटी बजा रहा है। विश्लेषण के अनुसार आम चुनावों में पार्टियों के प्रदर्शन और संभावनाओं के आधार पर आप दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 5 पर बीजेपी से आगे होगी। आम आदमी पार्टी का दिल्ली एमसीडी चुनाव में शानदार प्रदर्शन रहा है। वहीं बीजेपी की एमसीडी से विदाई हो गई है। आम आदमी पार्टी ने 15 साल बाद एमसीडी में बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया और इसकी कमान संभाली है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप ) की दिल्ली में लगातार 2 कार्यकाल से सरकार है। वहीं आप का एमसीडी चुनाव से शानदार प्रदर्शन रहा है। आप ने एमसीडी के कुल 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की बीजेपी ने 104 वार्ड जीते जबकि कांग्रेस केवल 9 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। एमसीडी चुनावों में बीजेपी की हार के बावजूद उसके कई नेताओं ने कहा कि पार्टी ने 2007 से लगातार 3 बार नगर निगम में रहने के बावजूद आप को कड़ी टक्कर दी है। बीजेपी के पास वर्तमान में दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें हैं जो कि 2014 के आम चुनावों में भी थी। कुछ बीजेपी नेताओं की ओर से किए गए इस विश्लेषण के अनुसार जिन दो लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी को आप पर बढ़त मिलेगी उनमें पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली शामिल हैं जिनका प्रतिनिधित्व गौतम गंभीर और मनोज तिवारी कर रहे हैं। चांदनी चौक सीट पर कड़ी टक्कर होती जिसका प्रतिनिधित्व हर्षवर्धन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी के अन्य बीजेपी सांसदों में पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से परवेश वर्मा उत्तर पश्चिम दिल्ली से हंसराज हंस दक्षिण दिल्ली से रमेश बिधूड़ी और नई दिल्ली सीट से मीनाक्षी लेखी शामिल हैं। बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा है कि एमसीडी चुनाव के आंकड़ों के एक्सट्रपलेशन के मुताबिक दक्षिण दिल्ली पश्चिमी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के नुकसान का अंतर बड़ा होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा नई दिल्ली में भी प्रदर्शन औसत से नीचे था लेकिन वहां का एक बड़ा हिस्सा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अंतर्गत आता है जो एमसीडी चुनावों में मतदान नहीं करता है। शेष क्षेत्र आप के गढ़ रहे हैं। हालांकि एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि किसी भी मतदाता के वोटिंग का पैटर्न चुनाव की प्रकृति के अनुसार बदलता रहता है। ऐसा कई बार देखने को मिला है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Tajemství poezie ve Proč se rozpláčeme nad cibulí Oxidem uhličitým syčící jablka: zdravá a osvěžující svačina pro Jak odstranit antibiotika z kuřete: Top 7 nezbytných produktů pro hubnutí u osob starších Tajemství úspěšného zahradnictví: 3 lidová hnojiva od Jak přežít chladný podzim: tajemství péče o borůvky od zahradníka Jak snadno pěstovat salát na okenním Jaké následky může mít opuštění narcisty? Psycholog varuje